दो दिन में ही पलटी सरकार, कर्मचारियों की सुविधाएं बहाल
हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित 4654 कर्मचारियों की सुविधाएं बंद करने का आदेश वापस ले लिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित 4654 कर्मचारियों की तमाम सुविधाएं बंद करने के अपने फैसले से दो दिन बाद ही पलट गई है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के दबाव के बाद राज्य सरकार अपने 27 जुलाई के उन आदेशों को रद कर दिया, जिनमें इन कर्मचारियों की सभी तरह की विभागीय सुविधाओं पर रोक लगा दी गई थी। राज्य सरकार ने लोन, पदोन्नति, चाइल्ड केयर लीव, एलटीसी और एचटीसी के अलावा सालाना वेतन बढ़ोतरी तक पर रोक लगा दी थी।
प्रदेश सरकार के फैसले से भड़के सर्व कर्मचारी संघ ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया था। साथ ही 4654 कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए विधानसभा में विधेयक लाने का दबाव सरकार पर बढ़ा दिया है। संघ ने विधानसभा कूच के ऐलान के अलावा एक व दो अगस्त को संसद पर सामूहिक धरना देने तथा नौ अगस्त को सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालने का निर्णय ले रखा है।
यह भी पढ़ेंः तीन कारोबारियों ने रखे थे अपने-अपने चोर, मार्केट डिमांड के हिसाब से करवाते थे चोरी
सर्व कर्मचारी संघ के इस आंदोलन की घोषणा के बाद मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से रविवार को ही नया परिपत्र जारी किया गया, जिसमें सभी मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों और प्रशासनिक सचिवों के अलावा बोर्ड एवं निगमों के प्रबंध निदेशकों से कहा गया है कि कर्मचारियों की सुविधाएं रोकने संबंधी पूर्व में जारी परिपत्र को रद समझा जाए। संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार तय नहीं कर पा रही कि उसे क्या करना है।
संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने तथा स्टेट ऑफ कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी के केस में सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल 2006 के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने विधानसभा में एक्ट लाने तथा उसे पास कराकर संसद में भेजने का भरोसा दिलाया है। इस एक्ट का मसौदा तो अभी तक तैयार नहीं किया जा सका, लेकिन सरकार उलूल-जुलूल फैसले जरूर ले रही है, जिसका पुरजोर विरोध होगा।
यह भी पढ़ेंः यह गुरुजी एक साल से न नहाए न कपड़े बदले, छापामारी में हुए और भी कई चौंकाने वाले खुलासे
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फौगाट ने कहा कि विधानसभा के मानसूत्र के पहले ही दिन यदि एक्ट पास नहीं हुआ तो दूसरे दिन हजारों कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे। विधानसभा का मानसून सत्र 17 अगस्त से शुरू होने की संभावना है। 18 व 19 अगस्त को अवकाश है। 20 अगस्त को विधानसभा की कार्यवाही फिर से चलेगी। 21 अगस्त को सत्र का आखिरी दिन होगा।