निजी स्कूलाें के एक लाख विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा देने से नहीं रोक सकेगी सरकार, बैकफुट पर आई
हरियाणा सरकार निजी स्कूलों के एक लाख विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा देने से रोकने पर विधानसभा में घिर गई। इसके बाद सरकार बैकफुट आ गई और अब ये विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से जुड़े दसवीं और बारहवीं के करीब एक लाख विद्यार्थियों के रोल नंबर जारी नहीं करने को लेकर सरकार बैकफुट पर आ गई है। विधानसभा में यह मसला उठने के बाद सरकार को कहना पड़ा कि किसी भी विद्यार्थी का रोल नंबर नहीं रोका जाएगा और वह बिना किसी बाधा के अपनी परीक्षा दे सकेगा।
दसवीं और बारहवीं के बच्चों के रोल नंबर रोकने पर विधानसभा में हंगामा
राज्य के करीब एक हजार प्राइवेट स्कूलों के एक लाख विद्यार्थियों के रोल नंबर सिर्फ इसलिए रोक लिए गए थे, क्योंकि इन स्कूलों के शिक्षकों ने बोर्ड की परीक्षा ड्यूटी करने से मना कर दिया था। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप लगाए थे।
प्राइवेट स्कूलों पर परीक्षा ड्यूटी देने का दबाव बनाने को रोके गए थे रोल नंबर
कुलभूषण शर्मा की दलील थी कि प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने इसलिए परीक्षा ड्यूटी करने से मना कर दिया था, क्योंकि उन्हें पिछले कई बार के मानदेय प्रदान नहीं किए गए। ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ड्यूटी नहीं करने वाले प्राइवेट शिक्षकों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना जड़ दिया और बच्चों के रोल नंबर रोक लिए।
गीता भुक्कल ने मामला उठाया तो शिक्षा मंत्री कंवरपाल को देनी पड़ी सफाई
हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने विधानसभा में यह मामला उठाया तो सरकार बैकफुट पर आ गई। गीता भुक्कल ने कहा कि दसवीं और बारहवीं के छात्र रोल नंबर के लिए भटक रहे हैैं और सरकार भय व तनाव रहित परीक्षाओं के आयोजन का नाटक कर रही है। गीता भुक्कल ने कहा कि यदि किसी प्राइवेट शिक्षक को मानदेय नहीं मिलेगा तो वह ड्यूटी क्यों करेगा, लेकिन इस आधार पर बच्चों के रोल नंबर रोक लेने तथा शिक्षकों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने का क्या औचित्य है।
विधानसभा में मामला उठने के बाद हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को पूरे मामले में स्थिति साफ करनी पड़ी। गुर्जर ने कहा कि शिक्षकों पर दबाव बनाने के लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, क्योंकि परीक्षा सिर्फ सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी से संपन्न नहीं हो सकती। सरकार ने ऐसे प्राइवेट स्कूलों व शिक्षकों पर सिर्फ दबाव बनाने की मंशा से यह निर्णय लिया था।
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शिक्षा मंत्री अपने इस बयान पर सदन में घिर गए। गीता भुक्कल ने कहा कि शिक्षकों व बच्चों पर दबाव बनाने पर सरकार सफाई दे। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि किसी भी बच्चे का रोल नंबर नहीं रोका जाएगा और उसे परीक्षा अपने निर्धारित शेड्यूल व समय के हिसाब से देनी होगी। कंवरपाल गुर्जर ने दोहराया कि यदि किसी प्राइवेट शिक्षक ने इस बार भी ड्यूटी नहीं दी गई तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जिसके जवाब में गीता भुक्कल ने कहा कि पहले शिक्षा विभाग प्राइवेट शिक्षकों का रुका हुआ मानदेय जारी करे।
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