किसानों को दलालों से छुटकारा दिलाएगी सरकार
हरियाणा सरकार ने किसानों को दलालों के चंगुल से बचाने के लिए अहम फैसला किया है। वह अनाज मंडियों में बिक्री के लिए कम से कम पांच हजार रुपये तक की फसल लाने वाले किसानों को पुरस्कार देगी। किसानों को पूरे साल में 32 हजार 72 पुरस्कार दिए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने किसानों को दलालों के चंगुल से बचाने के लिए अहम फैसला किया है। वह अनाज मंडियों में बिक्री के लिए कम से कम पांच हजार रुपये तक की फसल लाने वाले किसानों को पुरस्कार देगी। किसानों को पूरे साल में 32 हजार 72 पुरस्कार दिए जाएंगे। इन पुरस्कारों में 84 ट्रैक्टर भी शामिल हैं। एक जिले के हिस्से चार ट्रैक्टर आएंगे।
पांच हजार रुपये तक की फसल मंडी में लाने वाले किसानों को पुरस्कार
ये पुरस्कार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली फसलों की खरीद तथा फूल व सब्जियों की बिक्री पर नहीं दिए जाएंगे। ये पुरस्कार सिर्फ उन किसानों को दिए जाएंगे, जिनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं हैै और वह मंडियों में आढ़तियों के जरिए अपनी फसल की बिक्री कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : खुशखबरी : जल्द घोषित होगा नर्सिंग परीक्षा का परिणाम
राज्य सरकार इसे किसान कल्याण की योजना से जोड़ रही है, लेकिन माना जा रहा कि ऑन रिकार्ड होने वाली फसलों की बिक्री से राज्य सरकार को मार्केट फीस के रूप में राजस्व मिलेगा। इसी राजस्व का एक बड़ा हिस्सा किसानों पर पुरस्कार के रूप में खर्च किया जाएगा। किसानों को हर साल करीब 12 करोड़ रुपये के पुरस्कार देने की योजना है, जो रबी व खरीफ की फसलों के लिए होंगे।
यह भी पढ़ें : पहले निदेश्ाक को बताया आतंकी, फिर मेडिकल कालेज को दे दी मान्यता
धान, गेहूं, बाजरा और बासमती धान की 1509 किस्म के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हैैं तथा इनकी सरकारी खरीद होती है। स्कीम का फायदा सरसों, कपास, ग्वार, बासमती, मक्का और जौ उत्पादक किसानों को ज्यादा मिलेगा। इन फसलों के न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हैैं और न ही उनकी सरकारी खरीद होती है। किसानों को 84 ट्रैक्टर, 188 मोटर साइकिल, 872 कल्टीवेटर, 608 लैपटाप, 11020 स्प्रे पंप और 19300 दीवार घडि़यां पुरस्कार में दी जाएंगी।
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने बृहस्पतिवार को यहां योजना का खुलासा किया। मंडियों में फसल लाने वाले किसानों को आढ़ती के जरिए जे-फार्म दिया जाएगा। यही जे-फार्म किसानों के लाटरी कूपन का काम करेगा, जिसे ड्रा में शामिल किया जाएगा। जो किसान ज्यादा से ज्यादा जे-फार्म इकट्ठा करेंगे, वे उतने ही अधिक पुरस्कार के दावेदार होंगे। धनखड़ के अनुसार सरकार व्यापारियों के लिए प्रोत्साहन योजना लागू करने पर विचार कर रही है।
मंडी कर्मियों को दो से चार एडवांस इंक्रीमेंट
कृषि मंत्री धनखड़ के अनुसार मार्केट कमेटियों के कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन स्कीम बनाई गई है। मंडी स्टाफ को फसल की आवक के टारगेट दिए जाएंगे। अच्छी परफॉरमेंस देने वाले स्टाफ को दो से चार एडवांस इंक्रीमेंट मिलेंगे।
योजना से यह होगा किसानों व सरकार को लाभ
इस योजना के लागू होने से अधिक से अधिक फसल मंडियों के माध्यम से बेची जा सकेगी। फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा। किसानों का योजना के प्रति जुड़ाव होगा। यदि किसानों को खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिलते हैैं तो वह अपनी फसल ज्यादा दाम पर बेच सकेगा।
मार्केट कमेटियों के जरिए राज्य सरकार को हर साल 484 करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है। 15 से 25 करोड़ रुपये का टैक्स संग्रह करने वाली मंडियों में सिरसा, कैथल, करनाल और गोहाना शामिल हैं। 10 से 15 करोड़ का टैक्स कलेक्शन करने वाली 15 और 5 से 10 करोड़ का कलेक्शन करने वाली 24 मंडियां हैं।
तीन से पांच करोड़ का टैक्स कलेक्शन 25 मंडियों में होता है, जबकि एक से तीन करोड़ का टैक्स जुटाने वाली मंडियां 23 हैं। राज्य में 18 मंडी ऐसी हैैं, जिनका टैक्स कलेक्शन एक करोड़ से नीचे है। फसल चूंकि जे-फार्म के जरिए बिकेगी तो टैक्स चोरी की जरा भी संभावना नहीं रहेगी और राज्य कोष में अधिक टैक्स आएगा।