चीन से विस्थापित हो रहे उद्योगों को हरियाणा लाएगी सरकार, CM मनोहरलाल ने कीं कई घोषणाएं
हरियाणा के सीएम दैनिक जागरण के वेबिनार कार्यक्रम में कहा कि सरकार चीन के विस्थापित उद्योगों को हरियाणा लाएगी।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में छोटी, मध्यम और बड़ी इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के साथ ही प्रदेश सरकार की निगाह चीन से विस्थापित हो रहे उद्योगों पर भी है। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से चीन की इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। हरियाणा में हालात दुनिया और देश के बाकी राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर हैं, इसलिए सरकार का जोर पुरानी इंडस्ट्री को नए सिरे से खड़ा करने के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही नई इंडस्ट्री को अपने प्रदेश में आमंत्रित करने पर है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दैनिक जागरण के वेबिनार कार्यक्रम में देश-प्रदेश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ परिसंवाद के दौरान हर तरह की इंडस्ट्री को तमाम रियायतें देने की अहम घोषणाएं की।
दैनिक जागरण द्वारा आयोजित उद्यमियों के साथ वेबिनार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की कई बड़ी घोषणाएं
दैनिक जागरण के प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मारुति सुजुकी, लखानी ग्रुप, एस्काट्र्स ग्रुप और लिबर्टी ग्रुप सरीखे करीब दो दर्जन औद्योगिक घरानों, संगठनों और उद्यमियों ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर पहलू पर खुलकर बातचीत की।
देश-प्रदेश के नामचीन औद्योगिक घरानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ खुलकर की कई मुद्दों पर चर्चा
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की कोशिश है कि सभी औद्योगिक इकाइयां बिना लेबर की समस्या के आसानी से काम करें, ताकि उत्पादन बढ़े और देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो। प्रदेश सरकार चीन से विस्थापित हो रहे उद्योगों पर भी नजर रखे हुए है। हरियाणा सरकार ने उद्योग विभाग के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी बनाई है। यह कमेटी चीन से विस्थापित हो रहे उद्योगों को हरियाणा में लाने के लिए जमीन व अन्य सुविधाओं के लिए उनके साथ समन्वय करेगी।
वर्किंग कैपिटल का प्रारूप बदलने को केंद्र को पत्र लिखेगा हरियाणा
हरियाणा के उद्यमियों ने मौजूदा तैयार व कच्चे माल के स्टाक पर ही वर्किंग कैपिटल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, इसके जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एलान किया कि वर्किंग कैपिटल मौजूदा तैयार व कच्चे माल के स्टॉक पर ही बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक पत्र केंद्र सरकार को लिखा जाएगा। इसके लिए उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देशऱ दिए। वॄकग कैपिटल की बैंक रिकवरी को भी आगे बढ़ाने के लिए मनोहर लाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखने का भरोसा उद्यमियों को दिलाया है।
दूसरे राज्यों से आने वाले उद्यमियों को सप्ताह में एक बार मूवमेंट पास
हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे की बड़ी वजह दिल्ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब्लीगी जमातियों, नांदेड साहिब से लौटे श्रद्धालुओं तथा दिल्ली से संक्रमित होकर हरियाणा आने वाले लोगों की वजह से यहां कोरोना के केस बढ़े हैं। दिल्ली से हरियाणा में किसी की एंट्री नहीं है, लेकिन जिन उद्यमियों के उद्योग गुरुग्राम या फरीदाबाद अथवा सोनीपत में हैं, उन्हेंं हरियाणा में अपने उद्यम चलाने के लिए आने हेतु सप्ताह में एक दिन के लिए मूवमेंट पास दिया जाएगा। बाकी दिनों में वह वहीं रहें, जहां उनकी इंडस्ट्री है।
ईंटों की अंतर जिला व अंतरराज्यीय बिक्री की अनुमति मिलेगी
मुख्यमंत्री ने ईंट भट्ठा उद्योग से जुड़ी समस्याओं पर कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि आज ये उद्योग और इसमें जुड़े लोग सौभाग्यशाली हैं। इसमें पूरी लेबर और मालिक काम कर रहे हैं। करीब ढ़ाई लाख लेबर को काम करने की अनुमति दी गई है। अब ईंट-भट्ठा संचालकों को ईंट बेचने के लिए अंतर जिला व अंतर राज्यीय आवागमन करने की छूट दी जाएगी। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया जाएगा।
गुजरात की तर्ज पर आठ घंटे की औसत पर सामान्य मजदूरी संभव
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्यमियों से बातचीत में कहा कि फैक्ट्रियों में मजदूरों से 8 घंटे की शिफ्ट के बाद चार घंटे तक ओवर टाइम का पैसा दोगुना देने की बजाए गुजरात सरकार की तर्ज पर 8 घंटे की औसत से ही सामान्य मजदूरी देने संबंधी निर्णय पर सरकार विचार करेगी। यह मुद्दा कई उद्यमियों ने सरकार के सामने उठाया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि ऐसा प्रावधान कहां-कहां है। हरियाणा सरकार ने 12 घंटे काम करने पर डबल वेतन देने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर उद्यमी चाहते हैं कि उन्हेंं गुजरात की तर्ज पर राहत दी जाए।
मुख्यमंत्री की तरफ से उद्योगों के लिए की गईं घोषणाएं
1. कोई फैक्ट्री संचालक यदि अपना तैयार माल या कच्चा माल बिना फैक्ट्री चलाए बाजार में बेचना चाहे तो उसके लिए उसे छूट दी जाएगी। इसमें निचले स्तर पर कोई अनुमति की भी जरूरत नहीं होगी।
2. कंटेनर डिपो पर जो कंटेनर इसलिए अभी तक खाली नहीं हुए हैं कि लॉकडाउन में कोई जुर्माना-हर्जाना नहीं लगेगा, उन्हेंं खाली कराने के लिए भी राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी, ताकि खाली कंटेनर का इस्तेमाल नया माल मंगवाने या भेजने में हो सके और कंटेनर की कमी पूरी हो सके।
3. सुरक्षित रूप में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने में सरकार को कोई परहेज नहीं मगर कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए हर संभव कड़े कदम उठाए जाते रहेंगे।
4. यदि कोई उद्यमी अपना काम शुरू करता है तो उसे उद्यम के बाहर उद्यमियों की स्कैनिंग की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन यदि कोई केस पाजिटिव पाया जाता है तो संबंधित संचालक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
5. उद्योगपति अपने उद्योगों से संबंधित मजदूरों को उनके घर जाने से रोकने के लिए पहल करें ताकि उन्हेंं उद्योग शुरू करने में कोई समस्या न आए।
6. एमएसएमई के बिजली बिलों में आने वाले फिक्स चार्ज पर 25 फीसद तक छूट और बकाया 75 फीसद छह समान किस्तों में जमा कराने की छूट दी गई है।
7. एमएसएमई के लिए अपने 20 हजार रुपये मासिक वेतन तक के कॢमयों को वेतन देने के लिए सरकार की तरफ से बैंकों से छह माह तक ब्याज मुक्त राशि दिलवाई जाएगी। बैंक ब्याज राज्य सरकार भरेगी। यह 250 करोड़ रुपये की राशि बनेगी।
8. प्रदूषण या जीएसटी से संबंधित जो भी विभागीय नोटिस उद्यमियों को मिल रहे हैं, उनका जवाब 31 मई तक दिया जा सकेगा।
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