भूपेंद्र सिंह हुड्डा बोले- भावांतर भरपाई योजना छलावा, सब्जियों की एमएसपी तय करे सरकार
हुड्डा ने कहा कि एक तरफ मेरा पानी मेरी विरासत योजना का हवाला देकर किसानों को धान की बजाय मक्का उगाने के लिए कहा जा रहा वहीं उनकी मक्का खरीदने को कोई तैयार नहीं है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सब्जी, मक्का और सूरजमुखी उत्पादक किसानों के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि सब्जी उत्पादक किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना सिर्फ छलावा है। सरकार बताए कि अब तक कितने किसानों को कितना रुपया दिया गया है और वे कौन से किसान हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि सब्जी उत्पादक किसानों को उनकी फसल का एक से दो रुपया किलो का भाव भी नहीं मिल रहा, जबकि आमजन को वही सब्जी 20-30 रुपये किलो के रेट पर मिल रही है। यमुनानगर से लेकर दादरी, सोनीपत, पानीपत, करनाल और भिवानी तक के किसान बर्बादी की कगार पर हैं। तोशाम के बाद अब दादरी में किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं। टमाटर उत्पादक किसान अपनी फसल पशुओं के सामने डालने को मजबूर हैं। इसके बावजूद सरकार उनकी हालत पर तरस नहीं खा रही। हुड्डा ने कहा कि तुरंत प्रभाव से नुकसान की स्पेशल गिरदावरी कराकर फौरन मुआवजा दिया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का हवाला देकर किसानों को धान की बजाय मक्का उगाने के लिए कहा जा रहा, वहीं उनकी मक्का खरीदने को कोई तैयार नहीं है। पिपली, लाडवा, बबैन, कुरुक्षेत्र और इस्माइलाबाद की मंडियां मक्का से अटी पड़ी हैं। किसानों को 1760 रुपए एमएसपी देने के बजाय सिर्फ 1200 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल मक्का खरीदी जा रही। सूरजमुखी के किसान भी अपनी फसल बेचने के लिए सरकार का मुंह ताक रहे हैं।
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