निजी स्कूलों को पछाड़ रहे सरकारी विद्यालय, बोर्ड परीक्षाओं में हुए दोगुने विद्यार्थी पास
हरियाणा के सरकारी स्कूलाें की हालत पहले से काफी बेहतर हाे रही है। राज्य मे बाेर्ड परीक्षाओंं में सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों को मात दी। इनमें दोगुने विद्यार्थी पास हुए।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में सरकारी स्कूलों की हालत लगातार बेहतर हो रही है। राजकीय स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहे हैं। हरियाणा में दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 12 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने मेरिट (80 फीसद से अधिक अंक) लेकर नया रिकॉर्ड बना दिया। खासकर निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन तेजी से सुधरा है। पिछले पांच वर्षों में दसवीं में सरकारी स्कूलों के बच्चों का पास प्रतिशत 30.32 फीसद से बढ़कर करीब दोगुना (59.74 फीसद) हो गया है, जबकि बारहवीं में भी पास प्रतिशत 50.57 से बढ़कर 79.78 फीसद जा पहुंचा है।
पांच वर्ष में दसवीं में पास फीसद 30.32 से बढ़कर 59.74 और बारहवीं में 50.57 से बढ़कर 79.78 फीसद हुआ
खास बात यह कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों के ज्यादा बच्चे टॉपर बने और पास प्रतिशत भी ज्यादा है। वर्ष 2014 तक ग्रेस माक्र्स के चलते जहां पहले अधिकतर बच्चे 33 से 40 फीसद अंक लेकर पास हो रहे थे, वहीं अब 60 फीसद से अधिक अंक लेने वाले विद्याॢथयों की संख्या बढ़ी है। मौजूदा समय में निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों के पांच फीसद अधिक बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे।
दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 12 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने मेरिट लेकर बनाया नया रिकॉर्ड
दसवीं में अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों में प्रदर्शन लगातार सुधरा है। बारहवीं में न केवल हिंदी, इतिहास, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र और समाज शास्त्र जैसे विषयों में महारथ बढ़ी, बल्कि नॉन मेडिकल में भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान जैसे विषयों का रिजल्ट बेहतर हुआ। कॉमर्स में बिजनेस स्टडी और अकाउंटेंसी जैसे विषय में 99 फीसद बच्चे पास हो रहे हैं। बारहवीं में कुल 86 फीसद छात्राओं और 75 फीसद छात्रों ने सफलता प्राप्त की हैं।
एससी-बीसी विद्यार्थियों ने किया कमाल
शिक्षा में अपेक्षाकृत कमजोर माने जाने वाले अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (एससी) के विद्यार्थी प्रतिभा के झंडे गाड़ रहे हैं। एससी विद्यार्थियों का बारहवीं का परिणाम 64 फीसद से बढ़कर 81 फीसद और बीसी श्रेणी के विद्यार्थियों का परिणाम 57 फीसद से बढ़कर 76 फीसद पर आ गया है। रिजल्ट में 15 से 20 की वृद्धि बताती है कि धरातल पर काफी कुछ हुआ है। यदि कंपार्टमेंट को भी शामिल किया जाए तो प्रदेश में 98 फीसद लड़कियां पास हुई हैं। वाणिज्य संकाय में 98 फीसद विद्यार्थी पास हुए हैं। बोर्ड परीक्षाओं में गांवों के 79 फीसद और शहरों के 82 फीसद बच्चे पास हुए हैं।
दसवीं में ऐसे घटता गया निजी और सरकारी स्कूलों में अंतर
वर्ष - सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशत -निजी स्कूलों का पास प्रतिशत -ओवरऑल रिजल्ट
2015 - 30.32- 57.29 - 42.94
2016 - 39.72 - 54.10 - 46.80
2017 - 43.06 - 57.00 - 50.00
2018 - 44.27 - 59.97 - 51.13
2019 - 52.71 - 62.33 - 57.39
2020 - 59.74 - 69.51 - 64.59
बारहवीं में ऐसे सुधरा रिजल्ट
वर्ष - सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशत - निजी स्कूलों का पास प्रतिशत - ओवरऑल रिजल्ट
2015 - 50.57 - 54.52 - 52.82
2016 - 62.05 - 63.24 - 62.68
2017 - 66.28 - 64.77 - 65.46
2018 - 64.46 - 64.16 - 64.33
2019 - 76.27 - 73.43 - 74.89
2020 - 79.78 - 80.97 - 80.34
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