सरकार ने Private colonizers को दी बड़ी राहत, छोटी जमीनों पर भी विकसित हो सकेंगी कालोनियां
मनोहर सरकार ने प्राइवेट कालोनियों के लिए नियमों में बदलाव कर प्राइवेट कालोनाइजरों को बड़ी राहत दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मनोहर सरकार ने प्राइवेट कालोनियों के लिए नियमों में बदलाव कर प्राइवेट कालोनाइजरों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने अब छोटे-छोटे प्लाट्स पर भी कालोनी विकसित करने को मंजूरी प्रदान कर दी। इसका फायदा यह होगा कि राज्य के लोगों को मकानों के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी तथा रियल एस्टेट बिजनेस को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्राइवेट कालोनाइजरों को लाभ पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बदले हुए नियमों को मंजूरी दी गई। हरियाणा सरकार ने प्रदेश को हाइपर, उच्च, मध्यम और निम्न चार जोन में बांट रखा है। हाइपर जोन में गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला आते हैं, जबकि उच्च जोन में कई बड़े शहरों और मध्यम में बीच के शहरों तथा निम्न में कस्बानुमा छोटे शहरों को शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने दीनदयाल जनआवास योजना के विस्तार को भी हरी झंडी दी है। अभी तक आवासीय प्लाटेड कॉलोनियों के लिए हाइपर और उच्च जोन में 100-100 एकड़ जमीन होने की शर्त थी। अब हाइपर जोन में 25 और उच्च जोन में 20 एकड़ जमीन पर भी कालोनी विकसित करने के लिए लाइसेंस मिलेंगे। इसी तरह से मध्यम जाने वाले शहरों में कालोनी के लिए तय 15 और निम्न के लिए 10 एकड़ की शर्त को पहले जैसा ही रखा है।
फ्लैट्स वाली कालोनियों के लिए तय मानदंड भी बदले गए हैं। सरकार अब हाइपर जोन के लिए 5 एकड़, उच्च के लिए 4 एकड़, मध्यम के लिए दो एकड़ और निम्न के लिए एक एकड़ जमीन पर कालोनी विकसित करने के लिए लाइसेंस जारी करेगी। इससे पहले यह हाइपर एवं उच्च के लिए 10-10 एकड़, मध्यम के लिए दो एकड़ और निम्र के लिए एक एकड़ था।
एकीकृत औद्योगिक लाइसेंसिंग नीति के लिए क्षेत्र मानदंडों को हाइपर जोन के लिए 25 एकड़, उच्च के लिए 20 एकड़, मध्यम के लिए 15 एकड़ और निम्र के लिए 10 एकड़ तक संशोधित किया गया है। इससे पहले हाइपर जोन एवं उच्च के लिए 50-50 एकड़, मध्यम के लिए 25 एकड़ और निम्न के लिए 15 एकड़ जमीन होने की शर्त थी।
नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति के क्षेत्र मानदंड हाइपर जोन के लिए 15 एकड़, उच्च के लिए 10 एकड़, मध्यम के लिए 5 एकड़ और निम्न के लिए 2 एकड़ तक संशोधित किए गए हैं। पुराने नियमों में हाइपर एवं उच्च के लिए 25-25 एकड़, मध्यम के लिए 15 एकड़ और निम्न के लिए कम से कम 10 एकड़ जमीन होनी जरूरी थी।
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