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हाईकोर्ट ने मनो सरकार से पूछा, किस आधार पर किया ढींगरा आयोग का गठन

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि उसने जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन किस आधार व तथ्यों पर किया है। हाई कोर्ट ने सरकार से नए सिरे से हलफनामा देने को कहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 26 Oct 2017 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 26 Oct 2017 08:20 PM (IST)
हाईकोर्ट ने मनो सरकार से पूछा, किस आधार पर किया ढींगरा आयोग का गठन
हाईकोर्ट ने मनो सरकार से पूछा, किस आधार पर किया ढींगरा आयोग का गठन

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग के गठन पर हरियाणा सरकार से जवाब ततब किया है। हाईकोर्ट ले हरियाणा सरकार से कहा है कि वह इस मामले पर नए सिरे से हलफनामा देकर बताए कि किस आधार व तथ्यों पर जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन किया गया। आयोग गठित करने के लिए हरियाणा सरकार ने क्या नीति अपनाई।

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ढींगरा आयोग के गठन के खिलाफ  पूर्व सीएम हुडा की याचिका का मामला

हाई काेर्ट ने बृहस्‍पतिवार को यह आदेश पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा जस्टिस ढींगरा आयाेग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा जमीन के घोटालों की जांच के लिए ढींगरा आयोग के गठन को अवैधानिक बताते हुए उसकी रिपोर्ट को रद करने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने हुड्डा की ओर से पक्ष रखा। सिब्‍बल ने बहस के दौरान हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार का इस मामले में अभी तक कोई उचित जवाब नहीं आया है।

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सिब्‍ब्‍ल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने हरियाणा सरकार से आयोग के गठन की प्रक्रिया व इसके लिए ठोस तथ्य की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत कई बार मांगी। लेकिन, हरियाणा सरकार ठोस जानकारी देने में विफल रही। इतना ही सरकार ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के चलते ठोस तथ्य कोर्ट में नहीं पेश किए।

सिब्बल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बिना किसी आधार और तथ्यों के ही ढींगरा आयोग का गठन कर दिया था। सरकार के पास न तो ऐसी किसी गड़बड़ी की जानकारी थी और न ही कोई रिकॉर्ड है। उन्‍होंने  ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए हाई कोर्ट से आयोग की रिपोर्ट को रद् करने की मांग की।

इस पर, चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार एवं जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि वह मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को नए सिरे से हलफनामा दायर कर यह बताए कि इस आयोग का गठन किस आधार व तथ्यों पर किया गया। सरकार यह भी बताए कि आयोग गठित करने के लिए  क्या नीति अपनाई। इसी के साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

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बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाईकोर्ट में याचिका दायरमें कहा है कि इस आयोग का गठन महज राजनीतिक रंजिश के कारण ही किया गया है। हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार को ढींगरा आयोग की रिपोर्ट सावर्जनिक करने पर रोक लगाते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।


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