राजीव गांधी ट्रस्ट से उल्लावास की जमीन वापस लेगी हरियाणा सरकार
हरियाणा की मनोहर लाल सरकार राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को आठ साल पहले हुड्डा सरकार द्वारा दी गई जमीन वापस लेने की तैयारी में है।
जेएनएन, चंडीगढ़। जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में राबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ के बीच गठजोड़ उजागर होने के बाद अब हरियाणा की मनोहर लाल सरकार राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को आठ साल पहले हुड्डा सरकार द्वारा दी गई जमीन वापस लेने की तैयारी में है। इस जमीन पर अभी तक आंखों का अस्पताल नहीं बन पाया है। अस्पताल बनाने की समय सीमा खत्म होने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
हरियाणा सरकार का पंचायत विभाग अब इस जमीन को दोबारा हासिल करने की कार्रवाई शुरू करेगा। करीब 4.8 एकड़ यह जमीन गुरुग्राम के उल्लावास गांव में स्थित है। राजीव गांधी ट्रस्ट को यह जमीन 2009 में लीज पर दी गई थी। उल्लावास नगर पंचायत को पंचायत विभाग ने राजीव गांधी ट्रस्ट को यह जमीन देने की अनुमति दी थी।
हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने इस जमीन के लिए दिया गया आक्यूपेशन सर्टिफिकेट रद कर दिया है। यह जमीन तत्कालीन हुड्डा सरकार ने ट्रस्ट को दी थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी राजीव गांधी ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर यह ट्रस्ट बनाया गया है।
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टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की दलील है कि ट्रस्ट संबंधित जमीन पर अस्पताल बनाने में विफल रहा है। ट्रस्ट को 7 जनवरी 2012 तक अस्पताल बनाना था। बाद में उसे इस सीमा में विस्तार भी दिया गया, लेकिन अस्पताल नहीं बनाया गया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने इसे भूमि अधिग्रहण प्रमाणपत्र का उल्लंघन मानते हुए आक्यूपेशन सर्टिफिकेट को रद किया है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने पिछले माह के आखिरी सप्ताह में गुरुग्र्राम के सीनियर टाउन प्लानर से आवेदन खारिज करने और उसके बाद की गई कार्रवाई का ब्योरा विभाग को देने का आदेश दिया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने पंचायत विभाग को भी भूमि अधिग्रहण प्रमाणपत्र खारिज होने की सूचना दे दी है। विभाग ने पंचायत विभाग से कहा है कि वह आगे की कार्रवाई करे।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव ने इस बाबत पंचायत विभाग के प्रधान सचिव-निदेशक को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि उल्लावास की जमीन 7 जनवरी 2012 तक अस्पताल बनाने के लिए दी गई थी।
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