Move to Jagran APP

रि-इंप्लाइमेंट में अफसर छिपा रहे तथ्य, सरकार ने लगाई रोक

सेवानिवृत्ति के बावजूद चेहतों को पुनर्नियुक्तियां दे रहे प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों पर सरकार ने लगाम कसी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 03:00 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 03:00 PM (IST)
रि-इंप्लाइमेंट में अफसर छिपा रहे तथ्य, सरकार ने लगाई रोक
रि-इंप्लाइमेंट में अफसर छिपा रहे तथ्य, सरकार ने लगाई रोक

जेेएनएन, चंडीगढ़। सेवानिवृत्ति के बावजूद चेहतों को पुनर्नियुक्तियां दे रहे प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों पर सरकार ने लगाम कसी है। आधे-अधूरे तथ्यों के साथ भेजी रिटायर्ड अफसरों की फाइलों को रोकते हुए ऑफिसर कमेटी ने प्रशासनिक सचिवों से पूछा है कि किस आधार पर इन अफसरों को रि-इंप्लाइमेंट दिया जाए। कमेटी के पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही मंजूरी दी जाएगी।

loksabha election banner

सरकार ने पुनर्नियुक्ति में विभागाध्यक्षों की मनमानी की बढ़ती शिकायतों के बाद मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अगुवाई में अफसरों की कमेटी बनाई हुई है। मानकों पर खरा उतरने वाले अफसर और कर्मचारियों को ही यह कमेटी पुनर्नियुक्ति की मंजूरी देगी। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि पुनर्नियुक्ति की सिफारिश करते समय साफ उल्लेख करें कि किस पद की कैटेगरी में यह नियुक्ति की जानी है। 

विभाग में स्वीकृत पदों की संख्या कितनी है और इनमें कितने पद खाली हैं तथा क्यों। क्या पात्र व्यक्ति उस पद के लिए सर्विस रूल के मुताबिक पात्रता पूरी करता है और उसकी नियुक्ति से किसी जूनियर या अन्य अधिकारी की पदोन्नति तो प्रभावित नहीं हो रही। साथ ही यह भी बताना होगा कि मुख्यमंत्री ने संबंधित पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी है या नहीं। कमेटी पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही पुनर्नियुक्ति के मामलों को मंजूरी देगी।

अफसरों की कमेटी ने इससे पहले पिछले साल 20 जून, 17 जुलाई और 6 अगस्त को भी प्रशासनिक सचिवों को  तमाम तथ्यों के साथ रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति की फाइलें भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद आधे-अधूरे रिकॉर्ड के साथ फाइलें भेजी जाती रही जिस पर कमेटी ने सख्त कदम उठाते हुए इन सभी फाइलों को रोक लिया। निर्धारित फार्मेट में प्रस्ताव भेजे जाने के बाद ही इन पुनर्नियुक्तियों पर विचार होगा।

आपात सेवाओं से जुड़े विभागों में ही हो सकती पुनर्नियुक्तियां

विभिन्न महकमों में सेवानिवृत्त हो रहे चहेते कर्मचारियों को धड़ाधड़ री-इंप्लाइमेंट देने की शिकायतें सरकार के पास पहुंच रही थी। इस पर विगत 20 जून को सरकार ने नियमों में बदलाव कर तुरंत प्रभाव से अनावश्यक री-इंप्लाइमेंट पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया था। केवल कानून एवं व्यवस्था, नियामक कार्यों में लगे स्टाफ, प्रशासनिक महत्व के कार्यों की जिम्मेदारी उठा रहे अफसरों, ढांचागत विकास और जनउपयोगी कार्यों में लगे कर्मचारियों को ही री-इंप्लाइमेंट की छूट दी गई थी। ऐसे कर्मचारियों व अफसरों को दो साल का सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.