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हो जाएं तैयार; आई सरकारी नौकरी की बहार, यहां होगी बंपर भर्ती, कच्चे कर्मियों को भी तोहफा

रिट के आधार पर युवाओं को नौकरी और पारदर्शिता से बने माहौल को भुनाने के लिए हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी वार की तैयारी में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 01:26 PM (IST)
हो जाएं तैयार; आई सरकारी नौकरी की बहार, यहां होगी बंपर भर्ती, कच्चे कर्मियों को भी तोहफा
हो जाएं तैयार; आई सरकारी नौकरी की बहार, यहां होगी बंपर भर्ती, कच्चे कर्मियों को भी तोहफा

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में मेरिट के आधार पर युवाओं को नौकरी और पारदर्शिता से बने माहौल को भुनाने के लिए प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी वार की तैयारी में है। अगले तीन महीने में न केवल 5000 पुलिस कर्मचारियों सहित विभिन्न महकमों में 30 हजार कर्मचारियों की भर्ती का खाका तैयार हो गया है, बल्कि दो दशकों में विभिन्न नियमितीकरण पॉलिसियों के बावजूद कच्चे रहे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नई पॉलिसी बनाने की कवायद तेज हो गई है।

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Group-c और D की भर्तियों में इंटरव्यू खत्म हो चुका है। इन पदों पर लिखित परीक्षा के आधार पर ही नियुक्तियां होती हैं। ऐसे में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के लिए तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करना कोई मुश्किल नहीं होगा। विभिन्न महकमों की ओर से अभी तक क्लर्कों के 4600, जूनियर इंजीनियर के 1550, पटवारी के 600 और चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए 6050 पदों पर भर्ती की सिफारिश आयोग को भेजी गई है।

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सितंबर में चुनावी आचार संहिता से पहले ही 12 हजार पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को भी पूरी करने का लक्ष्य है। इसके अलावा आयोग जल्द ही क्लर्क, जूनियर इंजीनियर, पटवारी और ग्रुप डी के पदों के लिए फिर से आवेदन मांगेगा।

कानूनी अड़चनों में हाई कोर्ट ने दी राहत

कानूनी अड़चनों के कारण कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं कर पाने से कर्मचारियों के निशाने पर रही सरकार को नियमितीकरण पॉलिसी बनाने के लिए हाई कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी फैसले को ध्यान में रखते हुए सरकार एक महीने के भीतर ऐसी पॉलिसी बनाएगी जिससे सैकड़ों कर्मचारी पक्के हो जाएंगे।

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स्वीकृत पदों पर दस साल पूरे कर चुके कर्मचारियों को इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा। हालांकि इन कर्मचारियों को शैक्षिक योग्यता के साथ ही बेहतर सेवा काल, भर्ती के विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति और इंटरव्यू या लिखित परीक्षा में उतीर्ण होने जैसी शर्तें पूरी करनी पड़ेंगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली निगमों में ऐसे कर्मचारियों की संख्या सर्वाधिक है जहां दस साल से अधिक समय से कर्मचारी संगठन नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा का कहना है कि हाई कोर्ट में दी गई अंडरटेकिंग के अनुसार सरकार ऐसी पॉलिसी बनाए जिससे सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जा सके। मौजूदा पालिसी में लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की संख्या ज्यादा नहीं है।

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