हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, धान की सीधी बिजाई करने पर मिलेंगे प्रति एकड़ चार हजार रुपये
हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार राज्य में धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये की दर से प्रोत्साहन राशि देगी। यह स्कीम राज्य के 12 जिलों में लागू होगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Direct Paddy Sowing: हरियाणा के किसानोंं के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्राेत्साहन राशि देगी। धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानाें को प्रति एकड़ चार हजार रुपये के हिसाब से यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
12 जिलों के किसान उठा सकते योजना का लाभ, 30 जून तक करा सकते पंजीकरण
दरअसल हरियाणा सरकार तेजी से गिरते भूजल-स्तर की समस्या से निपटने के लिए धान का रकबा घटाने में जुटी है। भूजल स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार अब सीधी बिजाई करने वाले किसानों को भी प्रति एकड़ चार हजार रुपये देगी। सीधी बिजाई से धान की खेती में कम पानी की जरूरत होती है। 12 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। धान की सीधी बिजाई तकनीक से पानी की खपत और उत्पादन लागत में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आती है।
सीधी बिजाई तकनीक से पानी की खपत और उत्पादन लागत में 15 से 20 प्रतिशत तक की आती कमी
योजना के तहत यमुनानगर, पानीपत और सोनीपत में छह हजार, अंबाला में सात हजार, सिरसा, हिसार और रोहतक में आठ हजार, फतेहाबाद में नौ हजार, करनाल और कुरुक्षेत्र में 10 हजार और कैथल व जींद में 11 हजार एकड़ में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य है। खास बात यह कि योजना को चुनने वाले किसान को पंजीकरण करने के लिए रकबा की कोई सीमा नहीं है। प्रोत्साहन राशि के लिए किसानों को 30 जून तक ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
इसके बाद कृषि विकास अधिकारी और बागवानी विकास अधिकारी, पटवारी, नंबरदार तथा संबंधित किसान कमेटी 25 जुलाई तक भौतिक रूप से सत्यापित करेंगे। फिर ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर इसे अपलोड कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि जल संरक्षण मुख्यमंत्री मनोहर लाल की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। मेरा पानी- मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसल लगाने वाले किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा खेती खाली-फिर भी खुशहाली योजना के तहत कोई भी फसल नहीं बोने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।