Move to Jagran APP

एसिड अटैक पीडि़तों का मुफ्त इलाज, एक लाख एकमुश्‍त सहित आठ हजार हर माह पेंशन

हरियाणा सरकार एसिड अटैक पीडितों को राहत के लिए नई नीति बनाई है। अब एसिड पीडितों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके साथ ही उनको एकमुश्‍त एक लाख रुपये व हर माह आठ हजार रुपये पेंशन मिलेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 11:18 AM (IST)
एसिड अटैक पीडि़तों का मुफ्त इलाज, एक लाख एकमुश्‍त सहित आठ हजार हर माह पेंशन
एसिड अटैक पीडि़तों का मुफ्त इलाज, एक लाख एकमुश्‍त सहित आठ हजार हर माह पेंशन

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में तेजाब पीडि़तों की मदद के लिए सरकार आगे आई है। तेजाब से हमले के पीडि़तों का सरकार मु्फ्त इलाज कराएगी। इसके साथ ही उनको आर्थिक मदद भी मिलेगी। इन प‍ीडितों काे राजकीय अस्पतालों और सरकार के पूल में शामिल अस्पतालों में मुफ्त उपचार मिलेगा। निजी अस्पताल भी उनका इलाज से इन्‍कार नहीं कर सकेंगे।

loksabha election banner

18 वर्ष तक की तेजाब पीडि़त लड़कियों और लड़कों के लिए बनाई सरकार ने पॉलिसी

इसके साथ ही उपचार के लिए एफआइआर की जरूरत नहीं होगी। पीडि़तों को उपचार के लिए एक लाख रुपये की मदद के अलावा विकलांगता की स्थिति में हर महीने आठ हजार रुपये की मदद मिलेगी। साथ ही राशन डिपो देने में तेजाब पीडि़तों को वरीयता दी जाएगी।

यह भी पढ़ें: फिल्‍म टाॅयलेट देख कर मिली प्रेरणा, पूरे गांव ने किया यह बड़ा फैसला

प्रदेश सरकार ने 18 वर्ष तक की तेजाब पीडि़त लड़कियों और लड़कों के लिए राहत एवं पुनर्वास योजना नीति बनाई है। महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने बताया कि 2 मई 2011 के बाद तेजाब हमले से कोई भी पीडि़त इस योजना का पात्र होगा। जहां तेजाब पीडि़त का पूरा उपचार नहीं हुआ या उपचार की सभी प्रक्रियाएं समाप्त हो गई हैं तो पीडि़त को लगातार उपचाराधीन माना जाएगा। संबंधित जिले के मेडिकल बोर्ड से प्रमाणित अनुसार अक्षम व्यक्तियों की श्रेणी में गंभीर तेजाब पीडि़त व्यक्ति का इलाज किया जाएगा।

कविता जैन ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विकलांगता के दायरे में आने वाले तेजाब पीडि़तों को आठ हजार रुपये की मासिक वित्तीय सहायता देगा। वारदात के 15 दिनों के भीतर तेजाब पीडि़त को इलाज के लिए उपायुक्त 25 हजार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग 75 हजार रुपये देगा। अस्पताल में पीडि़त की दवा, भोजन, बेडिंग, प्लास्टिक या रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी सहित सभी खर्च महिला एवं बाल विकास विभाग उठाएगा।

यह भी पढ़ें: ह‍रियाणा की दिल्ली को धमकी, केस वापस न लिया तो 30 से अतिरिक्‍त पानी कर देंगे बंद

उन्‍होंने कहा कि सरकारी स्वामित्व या निजी स्वामित्व का कोई भी अस्पताल किसी भी स्तर पर किसी भी पीडि़त को उपचार से इन्‍कार नहीं कर सकेगा। पीडि़त को उपचार के लिए लाते ही अस्पताल प्रबंधन तत्काल जिला बोर्ड या राज्य बोर्ड और उसकी पुलिस को सूचित करेगा।

दावों पर विचार करेंगी राज्य और जिला स्तरीय समितियां

तेजाब से हमलों के दावों पर विचार करने और राहत, पुनर्वास और प्रतिपूर्ति देने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति (एसएलसी) गठित की गई है। विभाग के निदेशक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। सदस्यों में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रशासनिक सचिवों को शामिल किया गया है। इसके अलावा उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति काम करेंगी जो आवेदनों का निपटारा करेंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.