महिला फार्मासिस्ट के यौनशोषण मामले में पूर्व IAS अफसर सहित पांच पर आरोप तय
महिला सीनियर फार्मासिस्ट के यौनशोषण और घर में जबरन घुसने के मामले में पूर्व आइएएस युद्धवीर सिंह ख्यालिया सहित पांच अफसरों पर आरोप तय कर दिया गया है।
जेएनएन, पंचकूला। सीजेएम रोहित वाट्स की अदालत ने महिला सीनियर फार्मासिस्ट के यौनशोषण और घर में जबरन घुसने के मामले में पूर्व आइएएस युद्धवीर सिंह ख्यालिया (पूर्व एसडीएम कालका), एसएमओ यमुनानगर विजय दहिया, सुपरिंटेंडेंट रिटायर्ड स्वतंत्र गुप्ता, असिस्टेंट राजेश सैनी और माया रानी के खिलाफ सेक्शन 341, 452, 500, 506, 120बी के तहत आरोप तय कर दिए गए हैं।
वहीं, हाई कोर्ट में अपील विचाराधीन होने के कारण तत्कालीन कालका डीएसपी राजश्री सिंह, तत्कालीन तहसीलदार कालका बृज सिंह और एएसआइ ओंकार पर आरोप तय नहीं हो सके। इस मामले में रमेश कुमार, जयदेव, जय सिंह इस मामले में डिस्चार्ज कर दिया गया है।
इन सभी के खिलाफ पिछले लगभग 21 सालों से विभिन्न अदालतों में केस पेंडिंग है। इनमें सरकारी अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहा था कि वह अपनी ड्यूटी कर रहे थे। मगर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि किसी भी महिला के घर में जबरन नहीं घुसा नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने युद्धवीर सिंह ख्यालिया पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सीजेएम पंचकूला कोर्ट में केस चलाने के लिए कहा था, परंतु सीजेएम भावना जैन की कोर्ट ने युद्धवीर ख्यालिया सहित अन्य को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद पीड़ित फार्मासिस्ट ने एडिशनल सेशन जज नीरजा कुलवंत कल्सन की अदालत में अपील दी थी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आधार बनाते हुए सीजेएम की अदालत में सभी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश सुनाया था। साथ ही मामले को जल्द निपटाने के लिए भी आदेश दिया था।
21 साल पहले का है मामला
पीडि़त महिला के अनुसार 26 सितंबर 1997 की रात को तत्कालीन कालका एसडीएम युद्धवीर सिंह ख्यालिया, डीएसपी राजश्री सिंह व अन्य पुलिस अधिकारी उसके एचएमटी स्थित आधिकारिक आवास में घुस गए। साथ ही वीडियोग्राफी भी करवाई गई थी। उन्होंने यह रेड माया रानी की शिकायत पर की थी।
माया रानी का आरोप था कि महिला फार्मासिस्ट के किसी व्यक्ति के साथ अबैध संबंध हैं और वह रात में उसके घर आता है। आरोप है कि रेड के समय महिला फार्मासिस्ट और एक पुरुष घर पर था। पुलिस ने उन्हें कहा कि आप दोनों को गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन उन्होंने कोर्ट से पहले ही जमानत ले रखी थी। इस कारण पहले तो एसडीएम एवं पुलिस वापस चली गई, लेकिन कुछ पल बाद ही वापस आई और कहा कि पूछताछ तो कर ही सकते हैं। इसके बाद एसडीएम महिला एवं पुरुष को अपने साथ ले गए। उन दोनों का मेडिकल भी करवाया गया।
पीड़िता का मेडिकल जबरन पुरुष डॉक्टर से करवाया गया था। आरोप है कि तत्कालीन डीएसपी राजश्री ने डॉक्टर से कहा था कि जांच कर लो, लेकिन रिपोर्ट एसडीएम के कहने पर ही लिखना। इसके बाद महिला फार्मासिस्ट ने अदालत में केस दायर कर दिया, जिसमें जबरन घर में घुसने एवं सैक्सुअल ह्रासमेंट का केस दायर कर दिया। साथ ही मायारानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया।