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भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंंत्री बीरेंद्र सिंह ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जीएसटी की तरह कृषि कानूनों में सुधार संभव

वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जीएसटी की तरह इन कानूनों में भी समय के साथ सुधार संभव है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भाजपा में रहते हुए किसानों के साथ गलत नहीं होने देंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 10:00 AM (IST)
भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंंत्री बीरेंद्र सिंह ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जीएसटी की तरह कृषि कानूनों में सुधार संभव
भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह। (फाइल फोटो)

जेएनएन, नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बड़ा बयान दिया है। बीरेंद्र सिंह ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि भाजपा किसान मोर्चा सहित वे खुद यह मानते हैं कि इन कृषि कानूनों की बारीकियां किसान संगठनों से बातचीत करके पहले समझाई जा सकती थीं। हालांकि अभी भी किसानों को कृषि कानूनों को समझने में कुछ समय लगेगा।

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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ये कानून ठीक उसी तरह हैं जैसे पहले गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) का कानून लागू हुआ था। नए कानूनों में कुछ व्यवहारिक समस्याएं आती हैं तो सरकार समय रहते उनमें संशोधन करेगी। जीएसटी के कानून में भी जरूरत के अनुसार अनेक सुधार किए गए हैं। इसी तरह यदि कृषि कानूनों के लागू करने में कोई सुधार की जरूरत हुई तो वे निश्चित तौर पर इसकी वकालत करेंगे।

बीरेंद्र सिंह ने साफ कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आश्वसन पर विश्वास करना चाहिए। मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था पहले जैसे ही रहेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री के अनुसार वे यह दावे के साथ कह सकते हैं कि मोदी किसान अहित नहीं होने देंगे।

उनका कहना है कि कृषि जगत के विशेषज्ञ भी यह कहते हैं कि खेती के लिए ये तीनों कानून क्रांतिकारी हैं। विश्व स्तर पर कृषि को व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है, इसलिए भारतीय कृषि व्यवस्था को बदलने के लिए ऐसे कानून जरूरी भी हैं। बीरेंद्र सिंह ने साफ किया कि वे किसान के बेटे हैं और पिछले 40 साल से किसानों के हितों के लिए ही राजनीति में हैं। ऐसे में वे भाजपा में रहते हुए किसानों के साथ कुछ गलत नहीं होने देंगे।

बता दें, कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल व कई किसान संगठन आंदोलनरत हैं। कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध हरियाणा व पंजाब में ही हो रहा है। ऐसे में बीरेंद्र सिंह ने यह बयान देकर आंदोलन कर रहे किसानों को थोड़ी राहत दी है।


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