हुड्डा करेंगे शक्ति प्रदर्शन, किसानों के मुद्दे पर हर जिले में देंगे धरने
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। वह राज्य में किसानों के मुद्दों पर आंदोलन छेड़ेंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने किसानों के हक में राज्य में आंदोलन छेड़ने का मंगलवार को ऐलान किया। हुड्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर हुई फायरिंग के विरोध और राज्य में किसानों के मुद्दे को लेकर हर जिले में धरने देंगे। 16 जून को धर्म नगरी कुरुक्षेत्र से इन धरनों की शुरुआत होगी।
हर जिले में देंगे धरना, धर्म नगरी कुरुक्षेत्र से 16 जून को होगी शुरूआत होगी
नई दिल्ली स्थित आवास पर हुई बैठक में हुड्डा समर्थकों ने उन्हें फोरमर (पूर्व) चीफ मिनिस्टर की बजाय फारमर (किसान) चीफ मिनिस्टर की संज्ञा दी। बैठक में हुड्डा समर्थक 12 विधायक शामिल हुए। बैठक में 36 से अधिक पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक मौजूद रहे। हुड्डा विरोधी खेमा इस बैठक से अलग रहा।
यह भी पढ़ें: 'पहले पत्नी से इजाजत लेकर आओ, फिर भाई को देना किडनी'
बैठक में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और किसानों के कर्ज माफ करने समेत 12 प्रस्ताव पारित किए गए। हुड्डा इन मुद्दों को लेकर आंदोलन चलाएगा। तय हुआ कि पहले चरण में 16 जून को पिपली (कुरुक्षेत्र), 21 जून को सिरसा, 25 जून को रेवाड़ी, 1 जुलाई को सोनीपत, 5 जुलाई को जींद तथा 7 जुलाई को नूंह जिले में किसानों के हक में धरने दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट के 'एक्शन' पर जागा पीजीआइ, दुर्लभ बीमारी से पीडि़त बच्ची का होगा इलाज
हुड्डा ने कहा कि जिन किसानों के बूते भाजपा सत्ता में आई, उन्हीं किसानों की छाती पर गोलियां चलाई जा रही हैैं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट यदि लागू नहीं की गई तो कांग्रेस सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी। हुड्डा ने कहा कि कच्चे तेल की कम कीमत से जितना मुनाफा पिछले तीन साल में केंद्र सरकार ने कमाया है, वह सारा पैसा किसानों का कर्ज माफ करने में इस्तेमाल किया जाए। कांग्रेस अपने कार्यकाल में किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है।
बैठक में पारित हुए 13 प्रस्ताव
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।
- किसानों का कर्ज माफ हो।
- गन्ने का सर्मथन मूल्य 400 रुपये क्विंटल हो।
- डीजल और यूरिया के दाम घटें।
- पापुलर का रेट 1200 रुपये क्विंटल मिले।
- फसल बीमा योजना में किसान अपनी मर्जी से शामिल हो।
यह भी पढ़ें: बीएसएफ के सैनिक सम्मेलन में चली पोर्न फिल्म
- फसल बीमा योजना नहीं अपनाने वाले किसानों को 25 हजार रुपये मुआवजा मिले।
- चावल की पूसा 1121 और 1509 किस्म का निर्यात खोला जाए।
- कांग्रेस के कार्यकाल में बनी भूमि अधिग्रहण नीति लागू किया जाए।
- धरतीपुत्र स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू किया जाए।
- सारे थर्मल प्लांट पूरी क्षमता से चलें।
- एसवाइएल नहर का निर्माण कराया जाए।
- बेरोजगारों को रोजगार मिलने तक नौ हजार रुपये मासिक भत्ता मिले।