Haryana Budget 2020: खर्च के लिए आमदनी बढ़ाने पर रहेगा फोकस, उम्मीदें बेशुमार
Haryana Budget 2020 में मनाेहरलाल सरकार का फोकस विकास पर खर्च के लिए आमदनी बढ़ाने पर होगा। इस बजट से जनता को बेशुमार उम्मीदें हैं और सीएम के लिए इन्हें पूरा करने बड़ी चुनौती है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Budget 2020 आज मुख्यमंत्री मनोहरलाल पेश करेंगे। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार अपने इस पहले बजट में हर वर्ग पर मेहरबान रहने वाली है। इसके साथ ही संभावना है कि आय के साधन बढ़ाने पर भी सरकार का पूरा फोकस होगा। सरकार बजट में कई ऐसे प्रावधान करेगी, जिससे सरकारी खजाना लबालब हो सके। प्रदेश की जनता पर टैक्स का बोझ शायद ही डाला जाए, लेकिन सरकारी आय के साधन बढ़ाने की दिशा में विशेष योजनाएं तैयार की गई हैैं। बढ़ी आमदनी काे विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
हरियाणा सरकार के बजट में जुटाए जाएंगे आय के कई साधन, उठाए जा सकते हैं कई कदम
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के नाते विधायकों के साथ जो प्री-बजट चर्चा की है। उसमें सबकी बात सुनने के बाद सरकार ने पूछा कि मांग सब कर रहे हैैं, लेकिन यह भी बताएं कि आय कैसे बढ़ाई जाए। इसके लिए करीब 12 बड़े सुझाव आए, जिनमें से छह सुझाव सरकार के बजट में शामिल नजर आ सकते हैैं।
अवैध कालोनियों को नियमित करने के शुल्क में बढ़ोतरी संभव
हरियाणा सरकार राज्य की अवैध कालोनियों को नियमित करने की दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार को लग रहा कि अवैध कालोनियों की समस्या कभी खत्म नहीं हो सकती, क्योंकि आबादी तेजी से बढ़ रही है और लोगों को रहने के लिए सस्ती जमीनें चाहिए। ऐसे में सरकार अधिक राजस्व लेकर अवैध कालोनियों को नियमित करने का फैसला बजट में ले सकती है।
अवैध खनन माफिया पर नकेल कसने के लिए खदानों का अलाटमेंट
हरियाणा सरकार के बजट में अवैध खनन पर भी चोट संभव है। सरकार अवैध खनन का धंधा ही बंद करने वाली है। इसके लिए खदानों के रेट तय किए जा सकते हैैं, ताकि अवैध खनन की गुंजाइश ही न बचे। प्रदेश सरकार ऐसे किसानों से वह जमीनें खरीदने पर विचार कर रही है, जिनके बीच से नाले (रजबाहे) होकर गुजरते हैैं। इन रजबाहों से इस्तेमाल किए जाने वाले पानी पर भी सरकार चार्ज वसूल कर सकती है।
कैसे तैयार हुआ हरियाणा का मनोहर बजट
हरियाणा के 50 साल के इतिहास में पहली बार कोई मुख्यमंत्री बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करेगा। इस बजट को तैयार करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल खुद फील्ड में उतरे और फरीदाबाद, गुरुग्राम व पानीपत समेत कई जगहों पर प्री-बजट बैठकों का आयोजन कर रायशुमारी की। इसके अलावा मनोहरलाल के मंत्रियों ने भी किसानों व अन्य संगठनों के साथ संपर्क करके उनकी राय जानी की वह किस तरह का बजट चाहते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई परंपरा को शुरू करते हुए 10 जनवरी को दिल्ली में सभी सांसदों की बैठक बुलाकर प्रदेश के बजट के बारे में उनके सुझाव भी लिए। इसके अलावा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले 17 फरवरी से लेकर 19 फरवरी तक पंचकूला में विधायकों के साथ भी सभी विभागों के संबंध में प्री बजट चर्चा का आयोजन किया गया।
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