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    अब फ्लोरवाइज बिक सकेंगे एससीओ, एससीएफ और डीएसएस

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 22 Feb 2021 08:35 AM (IST)

    शहर में कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने की इछा रखने वालों के लिए अछी खबर है। अब एससीओ एससीएफ और डीएसएस को फ्लोरवाइज बेचा जा सकेगा।

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    अब फ्लोरवाइज बिक सकेंगे एससीओ, एससीएफ और डीएसएस

    राजेश मलकानियां, पंचकूला

    शहर में कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब एससीओ, एससीएफ और डीएसएस को फ्लोरवाइज बेचा जा सकेगा। सरकारी खजाने को मंदी से उभारने के लिए सरकार ने राज्य भर में वाणिज्यिक संपत्ति को फ्लोर वाइज खरीदने और बिक्री की अनुमति दे दी है। हालांकि, दुकान-सह-कार्यालय, दुकान-सह-फ्लैट और डबल मंजिला दुकानों सहित वाणिज्यिक संपत्ति का पंजीकरण 20 हजार से 1.5 लाख रुपये तक के प्रशासनिक शुल्क के भुगतान के बाद ही संभव होगा। इसके अलावा, संपत्ति लेनदेन पर एक बार 1 प्रतिशत स्टांप शुल्क अतिरिक्त देना पड़ेगा। इससे पहले, वाणिज्यिक संपत्ति लेनदेन पर 10 हजार रुपये का प्रशासन शुल्क लगाया गया था, जिसे अब राज्य भर में छह श्रेणियों के अनुसार संशोधित किया है। वर्तमान में संपत्ति लेनदेन के लिए तीन स्टांप ड्यूटी स्लैब हैं। इनमें 5 प्रतिशत (महिलाओं के लिए), 6 प्रतिशत (संयुक्त संपत्ति मालिकों के लिए) और 7 प्रतिशत (पुरुषों के लिए) है।

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    नीति के तहत शहरों को प्रशासनिक शुल्क लगाने के लिए छह श्रेणियों के तहत विभाजित किया गया है। जबकि गुरुग्राम-मानेसर शहरी परिसर हाइपर श्रेणी में आता है। फरीदाबाद-बल्लभगढ़ शहरी परिसर और सोहना उच्च श्रेणी में आते हैं। पंचकूला, सोनीपत-कुंडली और पानीपत उच्च-द्वितीय श्रेणी का हिस्सा हैं। भिवानी, फतेहाबाद, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नारनौल, सिरसा और झज्जर निम्न श्रेणी में आते हैं, जबकि घरौंदा, हांसी, असंध, इंद्री, नारायणगढ़, नरवाना, नीलोखेड़ी, रतिया, शाहबाद, टोहाना और तलवंडी राना-द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। शेष हरियाणा मध्यम श्रेणी के अंतर्गत आता है। दुकान-सह-कार्यालय के मामले में प्रशासनिक शुल्क कम-द्वितीय श्रेणी के लिए सबसे कम 50 हजार रुपये होगा, जबकि उच्चतम श्रेणी के लिए उच्चतम 1.5 लाख रुपये होगा। दुकान-सह-फ्लैटों के लिए सबसे कम शुल्क 40 हजार रुपये (कम-द्वितीय) और उच्चतम 1 लाख रुपये (उच्च श्रेणी) होगा। दो मंजिला दुकानों के लिए सबसे कम शुल्क 20 हजार रुपये हैं, जबकि उच्चतम 75 हजार रुपये है।

    कोट्स

    यह फैसला मंदी से प्रभावित रियल्टी क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा, क्योंकि अधिक संपत्ति लेनदेन का मतलब राज्य के राजस्व के लिए अधिक राजस्व होगा। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हैं।

    सुरेश अग्रवाल, प्रधान, हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन

    सरकार ने कमर्शियल एरिया में फ्लोर वाइज रजिस्ट्री की अनुमति देने से ही प्रॉपर्टी कारोबार में तेजी आएगी। लोगों के पास पूरी बिल्डिग खरीदने के लिए पैसा नहीं होता, तो वह अब फ्लोर वाइज रजिस्ट्री करवा कर शहर में अपना व्यवसाय कर सकेंगे।

    -अशोक पवार, प्रधान महासचिव, हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन

    वाणिज्यिक संपत्तियों के फ्लोर वाइज खरीद-फरोख्त के लिए अनुमति देने का फैसला सराहनीय है। जहां एक तरफ सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, वहीं आम जनता जो पूरी तरह से वाणिज्यिक संपत्ति का वहन नहीं कर सकती है, वह भी एक फ्लोर खरीदकर लाभांवित होगी।

    -पुष्पिद्र बंसल, प्रॉपर्टी कंसल्टेंट

    एससीओ, एससीएफ और डीएसएस को फ्लोरवाइज खरीदा जा सकता है। जिन लोगों को सिगल फ्लोर की जरूरत है, वह आसानी से खरीद सकेंगे। साथ ही जिन्हें पहले पैसे की जरूरत होती थी, वह पूरा बेचने के लिए मजबूर होते, वह अब जरूरत नहीं पड़ेगी।

    सुनील तनेजा, प्रॉपर्टी कारोबारी

    राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम जनता के हित में होगा। छोटे उद्यमी को काफी लाभ होगा। हरियाणा में यह सुविधा शुरू की गई है, तो एचएसवीपी द्वारा वाणिज्यिक संपत्तियों की नीलामी में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।

    -सुभाष बत्रा, वाइस चेयरमैन, हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन