विधानसभा में पहले इनेलो और कांग्रेस फिर फ्रंट फुट पर खेली भाजपा
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र में राजनीति के अलग-अलग रंग देखने को मिले। विधानसभा में कभी विपक्ष तो कभी सत्ता पक्ष हावी रहा।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा। सत्र के दौरान जहां राजनीति के अलग-अलग रंग देखने को मिले, वहीं कभी विपक्ष तो कभी सत्ता पक्ष हावी रहा। कई मामलों में इनेलो और कांग्रेस की जुगलबंदी दिखाई पड़ी तो कुछ मुद्दों पर इनेलो और कांग्रेस दोनों सरकार के बजाय एक दूसरे को घेरते नजर आए। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष की इस फूट का पूरा फायदा उठाया। सरकार के लोग कभी इनेलो तो कभी कांग्रेस पर हावी दिखाई दिए।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में दिखे राजनीति के कई रंग
होली के बाद 5 मार्च से आरंभ होकर बजट सत्र 15 मार्च तक चला है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने दूसरी बार एक लाख करोड़ से ऊपर का बजट पेश किया। पिछले साल बजट की राशि एक लाख दो हजार करोड़ थी। इस बार एक लाख 15 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया। बजट में गांवों और किसानों पर खास फोकस रखा गया।
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पूरे बजट सत्र के दौरान स्पीकर कंवरपाल गुर्जर की भूमिका खास रही। उन्होंने न केवल विपक्ष को अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया, बल्कि कई बार अमर्यादित व्यवहार करने पर सत्ता पक्ष के विधायकों तथा मंत्रियों तक को टोक दिया। सत्र के आखिरी दिनों में जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर को इनेलो विधायकों को नेम कर सदन से बाहर निकालना पड़ा तो साथ ही अगले दिन उन्हें बुला भी लिया गया।
इनेलो ने सदन में एसवाईएल नहर निर्माण का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। विपक्ष के नेता अभय चौटाला एसवाईएल नहर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाते नजर आए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके हर सवाल का पूरे आत्मविश्वास के साथ बखूबी जवाब दिया। कांग्रेस ने भी किसानों की आवाज बुलंद की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पैर में फ्रैक्चर की वजह से सदन में नहीं आए। रणदीप सिंह सुरजेवाला भी दिखाई नहीं दिए।
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कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने विधायकों की बागडोर संभाली। उनका साथ कुलदीप शर्मा और करण सिंह दलाल ने बखूबी दिया। सदन में पिहोवा नगर परिषद के चेयरमैन पद के लिए खरीद फरोख्त का ऑडियो जारी होने पर जमकर हंगामा हुआ। इनेलो विधायक दल के उप नेता जसविंदर सिंह संधू ने मामला उठाया।
मानेसर जमीन मामला बना सत्ता पक्ष का हथियार
सत्ता पक्ष की ओर से मानसेर जमीन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर हुड्डा और उनके विधायकों की घेराबंदी की गई। यमुना नदी में प्रदूषित पानी पर दिल्ली व उत्तर प्रदेश सरकारों पर भाजपा विधायकों ने जमकर गुस्सा निकाला। बजट सत्र के दौरान कुल 22 विधेयक पेश किए गए। 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा का प्रस्ताव इसी सत्र में पास हुआ।
सदन में ये विधायक रहे सुर्खियों में
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की ओर से किरण चौधरी, शकुंतला खटक, गीता भुक्कल, कुलदीप शर्मा और करण सिंह दलाल हावी रहे। इनेलो की ओर से स्वयं अभय सिंह चौटाला, जाकिर हुसैन, जसविंदर संधू, नैना चौटाला, परमिंदर संह ढुल और केहर सिंह ने मोर्चा संभाला। बसपा के एकमात्र विधायक टेक चंद शर्मा तथा आजाद विधायक जयप्रकाश जेपी भी पूरे फॉर्म में दिखे। भाजपा की ओर से विधायक असीम गोयल, डॉ. पवन सैनी, हरविंदर कल्याण, ज्ञानचंद गुप्ता, सीमा त्रिखा, मूलचंद शर्मा, घनश्याम दास अरोड़ा और श्याम सिंह राणा ने विपक्ष की घेराबंदी की।
' कुछ विधायक निलंबित हुए ताे अच्छा नहीं लगा'
'' सत्र काफी अच्छा रहा। सभी का सहयोग मिला। कुछ विधायकों को निलंबति भी करना पड़ा, यह अच्छा नहीं लगा। सबके अपने-अपने एजेंडे होते हैैं। पूरे सत्र में कुल 10 सिटिंग हुई। 488 सवाल आए। 267 के जवाब विभागों से प्राप्त हुए। 160 प्रश्नों के उत्तर प्रभारी मंत्रियों ने दिए। इन प्रश्नों में 93 विपक्षी दलों के तथा 67 सत्ता पक्ष के विधायकों ने पूछे। स्पीकर की भूमिका भी सराहनीय रही।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।