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शराब घोटाले की आंच कई एसपी और डीइटीसी तक पहुंचेगी, SET जांच शुरू, दायरा बढ़ाने की मांग

हरियाणा में शराब घोटाले की जांच एसईटी ने शुरू कर दी है। इसकी आंच कई एसपी और डीइटीसी तक पहुंचने की संभावना है। दूसरी ओर एसआइटी की जांच का दायरा बढ़ाने की मांग भी उठी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 10:13 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 10:13 AM (IST)
शराब घोटाले की आंच कई एसपी और डीइटीसी तक पहुंचेगी, SET जांच शुरू, दायरा बढ़ाने की मांग
शराब घोटाले की आंच कई एसपी और डीइटीसी तक पहुंचेगी, SET जांच शुरू, दायरा बढ़ाने की मांग

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा सरकार द्वारा गठित स्पेशल इंक्वायर टीम (एसईटी) ने प्रदेश के हर जिले में शराब घोटाले की जांच शुरू कर दी है। एसईटी ने प्रदेश के सभी जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्तों से एक साल की रिपोर्ट तलब कर ली। इस रिपोर्ट में जिला एवं आबकारी कराधान आयुक्तों से शराब के स्टाक, ठेकेदारों को आवंटित शराब और अवैध शराब के बारे में जानकारी मांगी गई है। सभी जिलों से एसइटी के पास रिपोर्ट पहुंच चुकी है। इस पूरे प्रकरण में हरियाणा के गृहमंत्री अ‍निल विज ने कड़ा रूख दिखाया है और इसके साथ ही जांच में उपमुख्‍यमंत्री व आबकारी मंत्री दुष्‍यंत चौटाला की भूमिका पर भी खास नजर लगी है। दूसरी ओर, एसआइटी का दायरा बढ़ाने की मांग भी की जा रही है।

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सभी जिलों के डीइटीसी ने रिकार्ड भेजा, पुलिस विभाग का रिकार्ड आज आने की उम्मीद

एसईटी प्रमुख टीसी गुप्ता ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों से भी इसी तरह की रिपोर्ट मांगी है। हर जिले के पुलिस कप्तान से पूछा गया है कि उनके जिले में कितनी शराब अवैध रूप से पकड़ी गई, उसे कहां रखा गया और कितनी शराब नष्ट हुई है। साथ ही यह रिपोर्ट देने को भी कहा गया है कि अब कितनी शराब बची हुई है और वह कहां रखी गई है। किसी भी जिले से अभी तक एसईटी के पास पुलिस की रिपोर्ट नहीं पहुंची है। सोमवार शाम तक यह रिपोर्ट एसईटी प्रमुख के पास पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इस शराब घोटाले की आंच कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों व जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्तों तक पहुंचेगी।

पुलिस का रिकार्ड मिलते ही फिजिकल वैरीफिकेशन शुरू करेगी टीसी गुप्ता की कमेटी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भरोसेमंद अधिकारी सीनियर आइएएस टीसी गुप्ता को शराब घोटाले की जांच सौंपी गई है। गृह मंत्री अनिल विज हालांकि चाहते थे कि अशोक खेमका को एसइटी प्रमुख बनाया जाए, लेकिन माना जाता है कि टीसी गुप्ता इतने सुलझे हुए अधिकारी हैं कि वह विज को भी नाराज नहीं होने दे रहे हैं। टीसी गुप्‍ता उन्हेंं भरोसे में लेकर चल रहे हैं। विज भी टीसी गुप्ता के नेतृत्व में काम कर रही एसइटी की वर्किंग पर संतोष जाहिर कर रहे हैं। विज ने एसइटी को फ्री-हेंड दिया है, ताकि वह शराब घोटाले की निष्पक्ष तथा बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम कर सके।

एसईटी में सीनियर आइपीएस अधिकारी सुभाष यादव और एडीशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्त विजय सिंह भी शामिल हैं। सुभाष यादव दबंग आइपीएस अधिकारी हैं। पुलिस के कारनामों की तह में जाने के लिए उनकी थ्योरी टीसी गुप्ता कमेटी के बहुत काम आएगी। इस कमेटी की एक औपचारिक बैठक हो चुकी है, जिसमें फिजिकल स्टाक की चेकिंग की रणनीति बनाई जा चुकी है।

हर जिले से पुलिस की रिपोर्ट आने के बाद एसईटी की दूसरी बैठक होगी, जिसमें हर जिले में शराब के स्टाक की फिजिकल वैरीफिकेशन का काम शुरू किया जाएगा। एसइटी 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक के शराब स्टाक की जांच करेगी। खासतौर से यह एसइटी लाकडाउन अवधि के दौरान हुए शराब घोटाले की जांच के लिए बनाई गई है।

लॉकडाउन में अवैध शराब पकडऩे के 2300 केस

हरियाणा में लॉकडाउन में अवैध तरीके से शराब बेचने व तस्करी के 2300 केस दर्ज किए गए। अलग-अलग जिलों में दर्ज हुए इन मामलों में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। एसइटी इन मामलों को जांच में शामिल कर सकती है। लॉकडाउन पीरियड में बेची गई शराब कहां से आई, इसकी जड़ तक भी एसइटी जाएगी।

जमीन के नीचे से निकली शराब बढ़ाएगी जांच का दायरा

खरखौदा में जमीन के नीचे से निकली अवैध शराब के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है। सोनीपत के अलावा पानीपत के समालखा में भी इसी तरह से शराब चोरी हुई। फतेहाबाद, रेवाड़ी व नारनौल में भी घोटाला खुल सकता है। पुलिस व आबकारी विभाग के गोदामों की फिजिकल वैरीफिकेशन नए राज खोलेगी। एसइटी ने अगर पकड़ी गई शराब के दस्तावेजों का मिलान गोदाम में जाकर किया तो यह घोटाला बड़ा रूप लेगा।

एसइटी की जांच का दायरा बढ़ाकर किया जाए पावरफुल

हरियाणा कांग्रेस के बादली से विधायक कुलदीप वत्स ने एसइटी की जांच का दायरा बढ़ाने की मांग मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज से की है। कुलदीप वत्स ने विधानसभा में ब्राह्मणों को दान में मिली जमीनों को वापस करने का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाया था। वत्स ने कहा कि एसइटी को सिर्फ रिपोर्ट तैयार करने या फिजिकल वैरीफिकेशन की पावर तक सीमित नहीं रखना चाहिए।

उन्‍हाेंने कहा कि एसइटी इस घोटाले में शामिल नेताओं, अफसरों व ठेकेदारों के गठजोड़ का खुलासा करते हुए यह भी बताए कि उनके विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई की जा सकती है। कुलदीप वत्स ने कहा कि प्रदेश में कई हजार करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है। लाॅकडाउन में बेची गई शराब राजनीतिक संरक्षण के बिना संभव नहीं है।

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'जजपा सरकार में मजबूत साथी, मिल रहा सहयोग'

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हर जिले में शराब के स्टाक की जांच के आदेश अपनी पूर्व की बैठक में दे रखे हैं। एसइटी ने अपने काम की गति बढ़ा दी है और मैं एसइटी की वॄकग से पूरी तरह संतुष्ट हूं। उसे बिना किसी दबाव के काम करना चाहिए। एसइटी की रिपोर्ट के बाद सरकार तय करेगी कि क्या कार्रवाई की जानी है। कुछ स्थानों पर यह चर्चा आई थी कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मुझसे एसइटी गठित करने के बारे में दो बार बात की। मुझे लग रहा था कि शायद कोई बात नहीं हुई। हो सकता है कि उन्होंने बात की हो और मैं ध्यान न दे पाया हूं। जजपा हमारी सरकार की मजबूत साझीदार है और हमें उनकी तरफ से भी जांच में पूरा सहयोग मिल रहा है।

                                                                                                 - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

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'सरकार के आदेशानुसार तेज गति से काम करेगी एसइटी'

'' एसइटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। अभी मेरे पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है। इतना जरूर है कि हर जिले से आबकारी एवं कराधान विभाग की रिपोर्ट आ गई है। पुलिस विभाग से रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। फिर हम सरकार के आदेश अनुसार कार्य को गति प्रदान करेंगे।

                                                                                              - टीसी गुप्ता, एसइटी प्रमुख, हरियाणा।

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