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गुरुग्राम के फोर्टिस अस्‍पताल पर कसा सरकार का घेरा, एफआइआर दर्ज

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ एफअाइआर दर्ज कर लिया गया है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस संबंध ट्वीट कर जानकारी दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 12:26 PM (IST)Updated: Sun, 10 Dec 2017 12:49 PM (IST)
गुरुग्राम के फोर्टिस अस्‍पताल पर कसा सरकार का घेरा, एफआइआर दर्ज
गुरुग्राम के फोर्टिस अस्‍पताल पर कसा सरकार का घेरा, एफआइआर दर्ज

जेएनएन, चंडीगढ़। गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ एफअाइआर दर्ज कर लिया गया है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस संबंध ट्वीट किया है। विज ने कहा है कि गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल  के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया गया है। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। इसके साथ ही अब अस्‍पताल का लाइसेंस रद होने का खतरा बढ़ रहा है।

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बता दें कि सात साल की बच्ची आद्या की मौत और 16 लाख के बिल को लेकर गुरुग्राम का फोर्टिस अस्‍पताल के खिलाफ जांच के लिए हरियाणा सरकार ने जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने फोर्टिस अस्‍पताल को दोषी करार देते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद हरियाणा सरकान ने फोर्टिस अस्‍पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने सहित अन्‍य कार्रवाई करने का ऐलान किया था। सरकार ने उसका लाइसेंस रद कराने को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को पत्र भी लिखा है।

अनिल विज ने रविवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि फोर्टिस अस्‍पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया गया है। उन्‍होंने बताया कि गुरुग्राम सुशांत लो‍क थाना में फोर्टिस अस्‍पताल के खिलाफ एफआइआर नंबर 639 दर्ज किया गया है। विज ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने फोर्टिस अस्‍पताल के खिलाफ एफअाइआर दर्ज किया गया है। बच्‍ची की मौत इलाज में लापरवाही के कारण हुई थी।

इससे पहले एडिशनल डिस्ट्रिक अटॉर्नी ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के लिए रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास भेजी थी। मंत्री के चंडीगढ़ में नहीं होने के कारण इस पर फैसला नहीं हो सका था। कानूनी प्रारूप पर विज की मुहर के बाद  अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज की।

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर का प्रारूप तैयार, स्वास्थ्य मंत्री की मुहर बाकी

फोर्टिस प्रकरण में संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने स्तर पर जांच कराई। हरियाणा सरकार ने अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. राजीव वढेरा की टीम से पूरे मामले की छानबीन कराई। चूंकि शिकायत सीधे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हुई थी, इसीलिए प्रदेश सरकार ने अस्पताल के लाइसेंस पर अंतिम फैसला लेने के लिए गेंद एमसीआइ के जरिये केंद्र के पाले में डाली है। अस्पताल की सदस्यता रद करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) को अलग से पत्र लिखा गया है।

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बता दें कि कायदे के अनुसार डेंगू पीडि़त बच्‍ची आद्या को रेफर करते समय एडवांस लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस दी जानी चाहिए थी। इसके उलट अस्पताल ने बेसिक लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस मुहैया कराई, जिसमें ऑक्सीजन एवं अन्य सुविधाएं नहीं थीं। इसी कारण सरकार बच्ची की मौत को हत्या मान रही है और धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कराया गया है। प्लेटलेट्स के लिए अधिक वसूली के कारण अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस रद करने को नोटिस थमाया जा चुका। इस पर कार्रवाई अंतिम चरण में है।

हुडा ने तलब किया रिकॉर्ड

स्वास्थ्य विभाग की सिफारिश पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू करते हुए अस्पताल का रिकॉर्ड तलब किया है। इसमें पता लगाया जाएगा कि एमओयू के मुताबिक कितने गरीबों को सस्ता या मुफ्त इलाज दिया गया। नियमों का पालन नहीं होने की स्थिति में फोर्टिस की जमीन की लीज कैंसिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद दूसरे अस्पतालों के भी रिकॉर्ड जांचे जाएंगे।

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