Move to Jagran APP

शराब घोटाला: एसईटी को पावरफुल बनाने की फाइल एडवोकेट जनरल कार्यालय में अटकी

हरियाणा शराब घोटाला की जांच कर रही एसईटी को पावरफुल बनाने की फाइल अब एडवोकेट जनरल के कार्यालय में फंस गई है। राज्‍य के गृहमंत्री अनिल विज इसे एसआइटी तरह पावर देना चाहते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 01:56 PM (IST)
शराब घोटाला: एसईटी को पावरफुल बनाने की फाइल एडवोकेट जनरल कार्यालय में अटकी
शराब घोटाला: एसईटी को पावरफुल बनाने की फाइल एडवोकेट जनरल कार्यालय में अटकी

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में शराब घोटाले की जांच कर रही एसईटी (स्पेशल इंक्वायरी टीम) को एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) की पावर देने के लिए कानूनी सलाह लेने संबंधी फाइल एडवोकेट जनरल कार्यालय में अटक गई है।  हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज चाहते हैं कि एसईटी को एसआइटी तरह ही शक्ति मिले। पूरे घोटाले में पुलिस और आबकारी विभाग निशाने पर है। आबकारी विभाग उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के अधीन है। चर्चा है कि इस मामले में गृहमंत्री विज और डिप्‍टी सीएम चौटाला के बीच खींचतान भी है।

loksabha election banner

एडवोकेट जनरल कार्यालय के करीब आधा दर्जन कानूनविद इस नतीजे पर पहुंचने में जुटे हुए हैं कि एसईटी को एसआइटी के समान पावर दी जा सकती है या नहीं। कानूनी सलाहकार (एलआर) ने एसईटी को एसआइटी की पावर देने के संबंध में अपनी राय देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। एलआर ने गेंद एडवोकेट जनरल के पाले में डाल दी, जिस पर कानूनविद अभी कोई सहमति नहीं बना पाए हैं।

एलआर ने नहीं दी कोई राय, गेंद एडवोकेट जनरल के पाले में डाल पल्ला झाड़ा

हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपये का शराब घोटाला हुआ है। मालगोदाम से शराब चोरी तो हुई ही, साथ ही इसे पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से महंगे दामों पर बेचा गया। शराब घोटाले की जांच के लिए गृह मंत्री अनिल विज ने एसआइटी बनाने के आदेश जारी किए, लेकिन अधिसूचना एसईटी की जारी हुई। यह मामला अखबारों की सुॢखयां बना तो गृह मंत्री ने भारतीय दंड संहिता की धारा 32 के तहत एसईटी को ही एसआइटी के समान पावर देने के निर्देश जारी कर दिए।

टीसी गुप्ता कमेटी का कार्यकाल 31 मई तक, एडीजीपी सुभाष यादव को एक्सटेंशन मिलना भी मुश्किल

 गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर गृह सचिव विजयवर्धन ने हालांकि इस दिशा में प्रक्रिया शुरू की और एलआर से कानूनी राय मांगी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जब मामला मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा तो इसमें पेंच फंस गया। एलआर ने गृह सचिव के इस पत्र पर अपनी कोई राय नहीं दी और यह कहकर विजयवर्धन का पत्र वापस लौटा दिया कि एडवोकेट जनरल ही इस बारे में बेहतर राय दे सकते हैं। गृह सचिव ने एडवोकेट जनरल कार्यालय से जब राय मांगी तो अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।

31 मई से पहले एजी की राय नहीं आई तो बढ़ाना पड़ सकता है टीसी गुप्ता कमेटी का कार्यकाल

हरियाणा सरकार ने सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व में एसईटी का गठन किया था। इस कमेटी में एडीजीपी सुभाष यादव और एडीशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्त विजय सिंह बतौर सदस्य नियुक्त किए गए। एडीजीपी सुभाष यादव 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। टीसी गुप्ता कमेटी को भी 31 मई तक ही अपनी रिपोर्ट देनी है।

सूत्रों का कहना है कि सुभाष यादव अपनी एक्सटेंशन के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की रुचि उन्हेंं एक्सटेंशन देने की नहीं है। ऐसे में टीसी गुप्ता कमेटी के कार्यकाल और एडवोकेट जनरल की राय दोनों पर ही पेंच फंस गया है। यदि समय से एडवोकेट जनरल की राय गृह सचिव तक नहीं पहुंची तो एसईटी को एसआइटी के समान पावर मिलना संदिग्ध हो जाएगा।

पावर दे भी सकते हैं और नहीं भी, अभी तय नहीं 

हरियाणा सरकार ने हमसे एसईटी को एसआइटी के समान पावर देने के संबंध में राय मांगी है। अभी इस पर विचार चल रहा है। कानूनविद अपने-अपने मत से अवगत करा रहे हैं। धारा 32 के तहत एसईटी को एसआइटी के समान पावर दी जा सकती है या नहीं, यह अभी नहीं कहा जा सकता। दोनों बातें संभव हैं। कानूनविदों के एकराय होते ही रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी।

                                                                             - बलदेव राज महाजन, एडवोकेट जनरल, हरियाणा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.