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पिंजौर में अपनी दुकानें तोड़ने को मजबूर हुए दुकानदार

दुकानदारों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि उन्हें कुछ समय की मोहलत और दी जाए ताकि वह खुद ही अपनी दुकानों को हटा सकें।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:13 AM (IST)
पिंजौर में अपनी दुकानें तोड़ने को मजबूर हुए दुकानदार
पिंजौर में अपनी दुकानें तोड़ने को मजबूर हुए दुकानदार

संस, पिजौर : पंचकूला-शिमला हाईवे-5 पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने करीब एक दर्जन से ज्यादा दुकानदारों की दुकानें हटाने के लिए जैसे ही मंगलवार को बुलडोजर खड़ा किया, दुकानदारों में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। दुकानदारों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि उन्हें कुछ समय की मोहलत और दी जाए, ताकि वह खुद ही अपनी दुकानों को हटा सकें। करीब 20 दिन पहले भी प्रशासन द्वारा नोटिस देने पर दुकानदारों व दुकानों के नीचे बने मकानों में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया था।

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प्राधिकरण के परियोजना निदेशक प्रदीप अत्री के अनुसार करीब एक दर्जन दुकानदारों को नोटिस देकर एक सप्ताह में जमीन से कब्जा हटाने के लिए कहा गया। वहीं जिन दुकानदारों की दुकान व घर इस सड़क के लिए उजड़ रहे हैं। दुकानदारों ने इसके खिलाफ सीएम विडो के जरिये अपनी दुकानें और घर को न तोड़कर वहीं बने रहने के लिए सीएम से गुहार लगाई है। सुशील राणा , कमल, प्रेम चंद, रामकुमार, रमेश, जोगिन्दर , सतीश, मदन, आदि ने बताया कि वह पिछले करीब 50 साल से यहां पर काबिज हैं। उन्होंने बताया कि उनकी यह जमीन पंचायत की मलकियत है,  तब से ही यहां पर रहने वाले सभी लोगों के वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पानी और बिजली के पक्के बिल मौजूद हैं। पहले तो प्रशासन ने उनसे कहा था कि सड़क से केवल 7 मीटर भूमि ही एक्वायर की जाएगी, मगर अभी कुछ दिन पहले ही प्रशासन के अधिकारी आकर बोल गए की सड़क  से 16 मीटर भूमि को एक्वायर किया जाएगा।


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