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पराली प्रबंधन के लिए बड़ा फैसला, 100 रुपये बोनस की घोषणा, 1000 रु. प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता

छोटे किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के साथ-साथ पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:14 PM (IST)
पराली प्रबंधन के लिए बड़ा फैसला, 100 रुपये बोनस की घोषणा, 1000 रु. प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता
पराली प्रबंधन के लिए बड़ा फैसला, 100 रुपये बोनस की घोषणा, 1000 रु. प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता

एनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निजात के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेगी। छोटे किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के साथ-साथ पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।

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मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन योजना की समीक्षा की। 6 से 15 नवंबर के बीच मंडियों में गैर बासमती धान बेचने वाले किसानों को इस योजना का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत लाभ मिलेगा। सभी उपायुक्तों को पराली प्रबंधन कार्य की प्रतिदिन आधार पर समीक्षा करके रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए गए हैैं। प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैैं। पराली को आग लगाने पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा। 

प्रदेश में ई-सिगरेट और हुक्का बार बंद होंगे

उधर, हरियाणा में युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए न तो ई-सिगरेट की बिक्री हो सकेगी और न ही ई-हुक्का बार चल सकेंगे। केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, बिक्री और विज्ञापन पर पूरी तरह रोक लगाने का अध्यादेश जारी किया है। हरियाणा इस कानून को अपने राज्य में पूरी सख्ती से लागू करेगा। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के अनुसार ई-सिगरेट समेत सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक निकोटीन की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए राज्य भर में विशेष अभियान चलाया जाएगा। सोमवार से शुरू हुआ यह अभियान पूरे एक माह यानी 10 दिसंबर तक जारी रहेगा।

पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिस आयुक्त और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने एरिया में अध्यादेश के प्राविधानों को सख्ती से लागू कराएं। स्कूल, कालेज और शिक्षा संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। जिलों में जन जागरण अभियान चलाए जाएं तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाए।

पुलिस महानिदेशक के अनुसार अध्यादेश में ई-सिगरेट, सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक निकोटीन और ई-हुक्का को प्रतिबंधित कर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इनकी तलाशी, जब्ती व जांच के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है। अध्यादेश के अनुसार व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ई-सिगरेट का होना अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं है।

मनोज यादव ने बताया कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैैं। अगले अपराध के लिए तीन साल तक कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं।

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