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Agriculture bills: हरियाणा में जहां चाहे वहां फसल बेचे सकेंगे किसान, एमएसपी की होगी गारंटी

कृषि विधेयकों पर हरियाणा में किसान भ्रम की हालत में हैं लेकिन इसके प्रावधानों काे ध्‍यान देने की जरूरत है। विधेयक का समर्थन करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इससे किसान जहां चाहे वहां अपनी फसलेंं बेच सकेंगे। हरियाणा में उनको एमएसपी की गारंटी भी मिलेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 12:24 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 01:02 PM (IST)
Agriculture bills: हरियाणा में जहां चाहे वहां फसल बेचे सकेंगे किसान, एमएसपी की होगी गारंटी
हरियाणा में कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान।

चंडीगढ़, जेएनएन। देश के कई हिस्‍साेंं सहित हरियाणा में भी किसान कृषि विधेयकों को लेकर भ्रम की हालत में हैं और इसका विरोध भी कर रहे हैं। इन सबके बीच विशेषज्ञों का कहना है कि खेती को नए आयाम देने तथा किसानों को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन विधेयक मील का पत्थर साबित होने जा रहे हैं।

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इन विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्षी दल और उनसे जुड़े किसान संगठन भले ही विरोध के लिए विरोध करने में जुटे हैं, लेकिन नई व्यवस्था में किसान पूरे देश में जहां चाहे फसल बेच सकेंगे। उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सरकार की रहेगी। यही वजह है कि विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में किसान विधेयक के समर्थन में उतर आए हैं।  

कृषि विधेयकों से बढ़ेगा मुनाफा, खुला बाजार मिलने से किसान होंगे सशक्त

केंद्र सरकार तीन नए कानून कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण और सुरक्षा) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020 तथा आवश्यक वस्तु विधेयक लेकर आई है। इन नए विधेयकों से किसानों को न केवल बड़ा बाजार मिलेगा बल्कि पुरानी अनचाही विपणन व्यवस्था से आजादी भी मिलेगी।

खेती को नए आयाम देने में मील का पत्थर साबित होंगे तीनों कृषि विधेयक

इससे किसानों की वह शिकायत भी शायद दूर हो जाएगी जिसमें कहा जाता था कि जब एक कारोबारी अपनी मर्जी से अपना उत्पाद बेच सकता है तो किसान क्यों नहीं? इतना ही नहीं, इस प्रतिस्पर्धा में किसान का साथ देने के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का भरोसा दिलाया है।

भाजपा नेताओं के अनुसार किसानों के लिए यह उठाए गए अहम कदम

- वर्ष 2009-10 में संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (संप्रग) सरकार के दौरान कृषि बजट 12 हजार करोड़ रुपये था जिसे मौजूदा केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपये कर दिया है।

- किसान सम्मान निधि योजना में आज तक 92 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में भेजे जा चुके हैं।

- 10 हजार नए एफपीओ पर 6850 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

- आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।

- किसानों के लोन के लिए पहले के आठ करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

- स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर उत्पादन लागत पर एमएसपी को बढ़ाते हुए डेढ़ गुणा कर दिया गया।

- प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर तीन हजार रुपये मासिक पेंशन का  प्रावधान किया गया है।

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सक्षम होंगे किसान : सीएम मनोहरलाल

'' मैं प्रत्येक किसान को भरोसा दिलाता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था पहले की तरह चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर किसानों को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी पर दिए गए हैं। यह राशि पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत से ज्यादा है। अब किसान बड़े-बड़े स्टोरहाउस और कोल्ड स्टोरेज में आसानी से अपनी उपज का भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा तथा उसका और विस्तार होगा।

                                                                                                   - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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