अनिल विज और भारती के चंगुल में फंसे हरियाणा के कबूतरबाज, अब तक 451 गिरफ्तार
हरियाणा अनिल विज और भारती अरोड़ा का लोगों को विदेश भेजने का लालच देकर जाल में फंसाने वाले कबूतरबाजों के खिलाफ अभियान जारी है। कबूतरबाज एक के बाद एक विज और भारती के चंगुल में फंस रहे हैं। अब तक 451 कबूतरबाज गिरफ्तार किए जा चुके हैंं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले कबूतरबाज एजेंटों का धंधा चौपट हो गया है। करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में बनी एसआइटी ने हर जिले में कबूतरबाजों की हिस्ट्रीशीट खोलनी आरंभ कर दी। पिछले तीन साल के दौरान राज्य में कबूतरबाजी के 451 केस दर्ज किए गए और एसआइटी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने इतने ही यानी 451 कबूतरबाजों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। गृह मंत्री अनिल विज ने मानव तस्करी रोकने में काफी हद तक सफलता पाने पर एसआइटी प्रमुख भारती अरोड़ा की सराहना की है।
तीन साल के भीतर दर्ज हुए थे 451 ही अभियोग, मगर पुलिस नहीं कर रही थी गिरफ्तारी
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सीनियर आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में इस एसआइटी का गठन किया था। प्रदेश में कबूतरबाज हालांकि बरसों से सक्रिय हैं, लेकिन इनकी अधिक सक्रियता का खुलासा तब हुआ, जब कोरोना काल में विदेशों में फंसे लोगों को बड़ी मुश्किल से भारत वापस लाया गया। इनमें सैकड़ों लोग हरियाणा के थे।
कोरोना में विदेश से लौटे हरियाणवी युवाओं की दशा देखी तो विज ने बनाई थी एसआइटी
उनकी हरियाणा वापसी पर जब पूछताछ की गई तो पता चला कि राज्य में अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने वाले लोग बड़ी संख्या में गिरोह के रूप में सक्रिय हैं। वह मोटी धनराशि लेकर लोगों को विदेश भेजते हैं। उनके सर्टिफिकेट अपने पास जमा करा लेते हैं। विदेश जाने के बाद उनकी पहली एक या दो तनख्वाह में हिस्सेदारी मांगते हैं तथा विदेश से वापस भारत आने की चाह रखने वालों को उनके सर्टिफिकेट तक वापस नहीं किए जाते।
एसआइटी के हस्तक्षेप के बाद हरियाणा के हर जिले में पुलिस हुई सक्रिय, सवा करोड़ बरामद
खास बात यह है कि विदेश भेजने वाले इन धंधेबाज लोगों ने चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक तथा पूरे हरियाणा में अपना जाल बिछाया हुआ है। कुछ एजेंट समुंदर के रास्ते तो कुछ फर्जीवाड़े के जरिये लोगों के विदेश भेजते रहे हैं। गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर एसआइटी प्रमुख भारती अरोड़ा ने राज्य के प्रत्येक थाने में तीन साल में दर्ज मामलों की गहराई से तहकीकात की। अधिकतर मामलों में पुलिस की मिलीभगत भी उजागर हुई। केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने आगे एजेंट के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। भारती अरोड़ा के हस्तक्षेप के बाद ऐसे विदेशी एजेंटों की गिरफ्तारियांं चालू हुई।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार यह संयोग है कि तीन साल में 451 अभियोग दर्ज हुए और 451 लोगों को ही अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। जिला करनाल ने 150, अंबाला में 96, कुरूक्षेत्र ने 85, कैथल में 62, पानीपत ने 41, यमुनानगर ने छह, जींद में चार, सोनीपत में तीन, हिसार में दो और भिवानी व फतेहाबाद जिलों में एक-एक अपराधी को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।
एसआइटी प्रमुख भारती अरोड़ा ने बताया कि इन सभी अपराधियों से एक करोड़ 22 लाख 55 हजार 300 रुपये की संपत्ति बरामद की गई है। 151 अभियोगों का चालान तैयार कर न्यायालय में दिया जा चुका है। कबूतरबाजी करने वाले 15 अपराधियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोली जा चुकी तथा बाकी अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जा रही है, ताकि उनसे गहराई से पूछताछ की जा सके।
'हरियाणा में लग चुका मानव तस्करी के अपराध पर अंकुश'
'' हरियाणा में हमने अवैध ढंग से विदेश भेजने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एसआइटी का गठन किया था। आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। अब तक 451 अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं। अवैध रूप से विदेश भेजने वाले एजेंटों में अब भय का माहौल बना हुआ है। अब वह इस कार्य से किनारा कर चुके या करते जा रहे हैं, जिसके चलते मानव तस्करी जैसे अपराध पर अंकुश लगा है। हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर अवैध रूप से विदेश भेजने वाले एजेंटो की सूची डाली हुई है, जिसके चलते आम नागरिक इसे देखकर जालसाजी से बच सकते हैं। खुद लोगों को भी सोचना होगा कि उन्हें अधिकृत एजेंटों के जरिये ही विदेश जाना चाहिए।
- अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।