शराब डिस्टलरियों में चावल से बनेगा एथेनाल, भारतीय खाद्य निगम करेगा आपूर्ति
भारतीय खाद्य निगम राइस मिलर्स से साढ़े पांच लाख टन चावल लेगा। चावल खाने के लिए नहीं बल्कि डिस्टलरियों में एथेनाल बनाने के लिए लिया जाएगा। यह चावल शराब डिस्टलरियों को दिया जाएगा जहां इससे एथेनाल बनाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) अब शराब डिस्टलरियों में एथेनाल बनाने के लिए भी चावल देगा। एफसीआइ ने राइस मिलर्स से साढ़े पांच लाख टन सामान्य चावल लेने का निर्णय लिया है जो डिस्टलरियों को दिया जाएगा। राइस मिलों को करीब 39.41 टन फोर्टिफाइड चावल एफसीआइ को देना होगा, जिसे आमजन के खाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
हरियाणा में 1456 राइस मिलर्स कस्टम मिलिंग (सीएमआर) का काम करते हैं। एफसीआइ द्वारा इस बार सामान्य चावल की नाममात्र की खरीद की जाएगी। सामान्य चावल खाने के लिए नहीं, बल्कि डिस्टलरियों में एथेनाल बनाने के लिए लिया जाएगा। अभी तक तकरीबन 40 हजार टन सामान्य चावल की आपूर्ति की जा चुकी है।
एफसीआइ द्वारा फोर्टिफाइड चावल के मानक तय किए गए हैं, जिसके मुताबिक चावल की पौष्टिकता के लिए उसमें विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 का सम्मिश्रण अनिवार्य है। फर्जी धान खरीद रोकने के लिए रंग कोडिंग के जरिये स्टाक की असलियत का पता लगाया जाएगा। फर्जी चावल मिलने पर संबंधित राइस मिलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समय पर चावल की सप्लाई सुनिश्चित करने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए दिसंबर में चावल मिलों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सहित एफसीआइ के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। टीमें सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) डिलीवरी के साथ ही मिलों के बिजली मीटर रीडिंग को भी जांचेंगी ताकि खरीदे गए स्टाक और मिलिंग का मिलान हो सके।
एफसीआइ के उप महाप्रबंधक प्रदीप सिंह ने बताया कि सामान्य चावल का कुछ कोटा निर्धारित किया गया है, जिसे शराब डिस्टलरियों में एथेनाल बनाने के लिए सप्लाई किया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इस बार सामान्य चावल की जगह फोर्टिफाइड चावल ही खरीदा जाएगा।
एफसीआइ की ओर से हरियाणा में 39.41 लाख टन फोर्टिफाइड चावल खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक 5400 टन ही फोर्टिफाइड चावल पहुंचा है, जबकि 40 हजार टन सामान्य चावल की सप्लाई हो पाई है।