मनोहर सरकार के बदले रुख पर भड़के कर्मचारी संगठन, बिल न लाने पर घेरेंगे विधानसभा
हरियाणा के कर्मचारी संगठनों ने हाई कोर्ट के फैसले से प्रभावित कर्मियों की नौकरी बचाने के लिए बिल न लाने का विरोध किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित कर्मचारियों पर सरकार के बदले रुख से कर्मचारी संगठन भड़क गए हैं। मनाेहरलाल सरकार द्वारा कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए विधानसभा में बिल लाने के बचाए सुप्रीम कोर्ट में विशेष जनहित याचिका दायर करने से नाराजगी है। कांग्रेस और इनेलो जैसी विपक्षी पार्टियां पहले ही सरकार के फैसले से किनारा कर चुकी हैं। 40 से अधिक कर्मचारी संगठनों ने विधानसभा में विधेयक लाने का दबाव बनाते हुए 10 सितंबर को विधानसभा घेराव करने का एेलान किया है।
10 सितंबर को विधानसभा घेराव के लिए कूच करेंगे 40 कर्मचारी संगठन
सर्व कर्मचारी संघ की अगुवाई में प्रस्तावित चंडीगढ़ कूच में सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी और सहकारी विभागों, बोर्ड-निगमों, विश्वविद्यालय, नगर पालिकाओं, सहकारी समितियों, पंचायत समितियों, पंचायती राज संस्थाओं और विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार की वादाखिलाफी की पोल खोलने के लिए 25 अगस्त से 7 सितंबर तक पूरे प्रदेश में जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
लांबा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने 21 जुलाई को संघ के साथ बैठक में भरोसा दिलाया था कि हाईकोर्ट के 31 मई के फैसले से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मानसून सत्र में हरियाणा रेगुलाइजेशन ऑफ सर्विस बिल पारित किया जाएगा। अब सरकार ने यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष जनहित याचिका दायर करने की घोषणा कर दी है। इसके खिलाफ 22 अगस्त को सभी जिलों मे कर्मचारी सभाएं आयोजित कर प्रदर्शन किए जाएंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारी संगठनों की मांग है कि विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार 240 दिन की सेवा पूरी कर चुके सभी अनियमित कर्मचारियों को पक्का करने के लिए विधानसभा में बिल लाए। पुरानी पेंशन स्कीम और एक्सग्रेसिया रोजगार को बहाल कर मकान किराए भत्ते में जनवरी 2016 से बढ़ोतरी का लाभ दिया जाए। पंजाब के समान वेतन और पेंशन, कर्मचारियों व आश्रितों को वास्तविक खर्च पर आधारित कैशलेस मेडिकल सुविधा, समान काम के लिए समान वेतन और पूर्व में हुए समझौतों को हू-ब-हू लागू किया जाए। सरकारी विभागों में खाली पदों को भर्ती व प्रमोशन से भरते हुए आरक्षित श्रेणियों का बैकलॉग पूरा करने के अलावा अन्य सभी मांगों को तुरंत पूरा किया जाए।