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बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार होने में लगे 70 दिन, हरियाणा में अब तीन सीटों पर होगा राज्यसभा चुनाव

बीरेंद्र सिंह का त्यागपत्र स्वीकार होते ही उनकी रिक्त सीट के लिए अब अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होगा। यह उपचुनाव राज्यसभा की दो सीटों पर होने वाले नियमित चुनाव के साथ ही होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 04:14 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:59 AM (IST)
बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार होने में लगे 70 दिन, हरियाणा में अब तीन सीटों पर होगा राज्यसभा चुनाव
बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार होने में लगे 70 दिन, हरियाणा में अब तीन सीटों पर होगा राज्यसभा चुनाव

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा से राज्यसभा सदस्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार करने में राज्यसभा सचिवालय ने 70 दिन लगा दिए। बीरेंद्र सिंह ने 11 नवंबर 2019 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके इस्तीफे को 20 जनवरी 2020 को स्वीकार किया गया। राज्यसभा के सभापति एवं उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार किया। इस्तीफा देने के बावजूद बीरेंद्र सिंह 70 दिन तक राज्यसभा के सदस्य रहे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने राज्यसभा सचिवालय में एक आरटीआइ दायर कर बीरेंद्र सिंह के इस्तीफा देने और स्वीकार किए जाने की तारीख के बारे में जानकारी मांगी थी।

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बीरेंद्र सिंह की राज्यसभा में सदस्यता का कार्यकाल अगस्त 2022 तक शेष था। भाजपा में राजनीतिक उठापटक के चलते बीरेंद्र सिंह को समय से पहले इस्तीफा देना पड़ गया था। हालांकि इसके बदले उनके बेटे आइएएस बृजेंद्र सिंह को हिसार से टिकट मिल गया और वे सांसद भी चुन लिए गए। विधानसभा चुनाव में पत्नी प्रेमलता को दोबारा भाजपा ने टिकट दिया, मगर प्रेमलता चुनाव हार गई।

हरियाणा में रामकुमार कश्यप के इस्तीफा देने के बाद एक राज्यसभा सीट पहले से खाली है, जबकि दूसरी सीट कु. सैलजा का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली होने वाली है। बीरेंद्र सिंह का त्यागपत्र स्वीकार होते ही उनकी रिक्त सीट के लिए अब अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होगा। यह उपचुनाव राज्यसभा की दो सीटों पर होने वाले नियमित चुनाव के साथ ही होगा। दोनों राज्यसभा सीटों के लिए नियमित और एक राज्यसभा सीट के उपचुनाव के लिए अलग-अलग निर्वाचन नोटिफिकेशन निकाली जाएंगी।

एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव में भाजपा-जजपा गठबंधन का उम्मीदवार जीतना तय है, क्योंकि इसके लिए साधारण बहुमत की जरूरत है। दो नियमित सीटों में से एक पर भाजपा-जजपा गठबंधन और दूसरी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का जीतना तय है। हरियाणा की कुल पांच राज्यसभा सीटों में फिलहाल कांग्रेस की कुमारी सैलजा के अलावा भाजपा के डीपी वत्स एवं निर्दलीय डॉ. सुभाष चंद्रा राज्यसभा सदस्य हैं।

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