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दिल्‍ली चुनाव का हरियाणा में दिखेगा असर, भाजपा फिर मुड़ी परंपरागत शहरी मतदाताओं की तरफ

हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने अब परंपरागत शहरी मतदाताओं की ओर रुख किया है। सरकार अब शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य पर खासा जोर दिया है। यह प्री बजट चर्चा में दिखेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 10:45 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 10:45 AM (IST)
दिल्‍ली चुनाव का हरियाणा में दिखेगा असर, भाजपा फिर मुड़ी परंपरागत शहरी मतदाताओं की तरफ
दिल्‍ली चुनाव का हरियाणा में दिखेगा असर, भाजपा फिर मुड़ी परंपरागत शहरी मतदाताओं की तरफ

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर हरियाणा सरकार के बजट पर साफ दिखाई देने वाला है। हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन की सरकार अपने पहले बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, दलित व पिछड़ों के साथ शहरी विकास पर फोकस करने वाली है। सरकार की चिंता अपने परंपरागत शहरी वोट बैैंक को संभाले रखने की है। गांवों के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा, लेकिन शहरी विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।

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प्री बजट चर्चा में शहरों के विकास पर फोकस, शिक्षा और स्वास्थ्य पर होगा खास जोर

सोमवार से शुरू होने वाली तीन दिन की प्री-बजट चर्चा में शहरी विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य को सरकार ने अपने टाप एजेंडे में रखा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल वित्त मंत्री के नाते गठबंधन की सरकार का पहला बजट पेश करेंगे। 20 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू है और इसके 10 मार्च तक चलने की संभावना है। 28 फरवरी को बजट आ सकता है। इससे पहले 17 से 19 फरवरी तक पंचकूला के होटल रेड बिशप में मुख्यमंत्री राज्य के विधायकों के साथ प्री-बजट चर्चा करेंगे, ताकि उनके सुझावों को बजट में शामिल किया जा सके।

पहले दिन किसान और शिक्षा पर फोकस

प्री-बजट चर्चा में रोजाना दो दौर की बैठकें होंगी। प्रत्येक बैठक में एक मुद्दे पर चर्चा होगी। 17 फरवरी को सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दिन कृषि, पशुपालन व डेयरी, बागवानी तथा मत्स्य पालन सेक्टर में सुधार को लेकर विधायकों की राय जानी जाएगी। लंच के बाद दूसरे सत्र में शिक्षा पर फोकस रहेगा। प्राइमरी से लेकर उच्चतर शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा और आइटीआइ में सुधार को लेकर विधायक अपनी बात रखेंगे।

दूसरे दिन दलित कल्याण और स्वास्थ्य पर जोर

दूसरे दिन 18 फरवरी को सुबह 10 बजे से साढ़े 11 बजे तक महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती का आयोजन होगा। साढ़े 11 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण और महिला एवं बाल विकास को लेकर मंथन होगा। लंच के बाद पूरा फोकस स्वास्थ्य पर रहेगा। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज में सुधार को लेकर विधायकों से राय-मशवरा होगा। आयुष को भी इस दिन के एजेंडे में शामिल किया गया है।

तीसरे दिन शहरी विकास के साथ गांवों पर भी चर्चा

तीसरे दिन 19 फरवरी को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक शहरी स्थानीय निकाय, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा विकास एवं पंचायत विभाग से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा होगी। शहरों एवं गांवों में किस तरीके से बेहतर विकास हो सकता है, इस बारे में विधायकों से पूछा जाएगा। लंच के बाद दूसरे दौरे की बैठक में पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें), पब्लिक हेल्थ तथा सिंचाई विभाग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।


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