Delhi Assembly Election का हरियाणा में effect, नतीजे तय करेंगे BJP के दिग्गजों का भविष्य
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज मतदान हो रहा है। इस चुनाव का हरियाणा में भी खासा असर पड़ेगा और इसके नतीजे हरियाणा भाजपा के कई दिग्गजों का भविष्य तय करेगा।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Delhi Assembly Election में आज सुबह से मतदान हो रहा है। यह चुनाव हरियाणा के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे हरियाणा भाजपा के कई दिग्गजों के भविष्य को भी प्रभावित करेंगे। इसी कारण यह चुनाव हरियाणा के भाजपा नेताओं की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है। इस चुनाव के प्रबंधन में हरियाणा से चार पूर्व मंत्रियों, नौ विधायकों सहित कुल 33 भाजपा नेताओं की जिम्मेदारी लगी थी।
मेहनत रंग लाई तो खुल सकती है हारे हुए भाजपा नेताओं की लॉटरी
पूर्व मंत्रियों में पहले दौर में जिन चार पूर्व मंत्रियों की जिम्मेदारी लगी उनमें ओमप्रकाश धनखड़, मनीष ग्रोवर, कर्णदेव कंबोज और कृष्णलाल पंवार की जिम्मेदारी लगी। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी पार्टी हाईकमान के आदेश पर दिल्ली चुनाव में सक्रिय रहे।
दिल्ली चुनाव के बाद होगी हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति
खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज सहित उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अलग से प्रचार किया, मगर इन चुनाव की सबसे ज्यादा अहमियत पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु के लिए है। हरियाणा में भाजपा का नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाना है। धनखड़ और कैप्टन दोनों ही बेशक खुद इस पद से अपने को अलग बता रहे हैं मगर पार्टी में यह चर्चा आम है कि दोनों नेताओं के लिए दिल्ली में पैठ के चलते यह पद पाना कोई बड़ी बात नहीं है।
इनके समक्ष सबसे बड़ी रुकावट यह है कि पार्टी के कुछ रणनीतिकार हारे हुए नेताओं को संगठन का बड़ा पद नहीं देने के हक में नहीं हैं। इसलिए उन्होंने मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को इस पद की दौड़ से बाहर बताया हुआ है। ये रणनीतिकार यह भी कहते हैं कि यदि हारे हुए नेताओं में से किसी को अध्यक्ष पद देना होगा तो फिर सीएम मनोहर लाल की पहली पसंद सुभाष बराला ही रहेंगे। बराला पार्टी संविधान के अनुसार अभी एक बार और अध्यक्ष बन सकते हैं।
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धनखड़ ने दिखाया दिल्ली में अपना संगठनात्मक कौशल
दिल्ली चुनाव प्रबंधन के लिए जब हरियाणा के 33 भाजपा नेताओं की जिम्मेदारी दिल्ली की 17 विधानसभा सीटों पर लगी तो शुरूआत में इन नेताओं को बड़ी निराशा हुई। तब भाजपा नेताओं ने यही फीडबैक दिया था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लहर है और भाजपा मुकाबले से बाहर है।
पार्टी हाईकमान के निर्देश पर इसके बाद पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को 33 नेताओं के समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई। इन नेताओं सहित अन्य कार्यकर्ताओं के बूते धनखड़ ने दिल्ली की 17 विधानसभा सीटों पर निचले स्तर पर चुनाव प्रबंधन को इतना मजबूत किया कि सभी सीटों पर भाजपा मुकाबले में आ गई। इसका अंदाजा पार्टी नेताओं को भी है। इसलिए माना जा रहा है कि यदि दिल्ली में भाजपा की जीत होती है तो फिर हरियाणा भाजपा के उन नेताओं की लॉटरी खुल सकती है जिन्होंने दिल्ली चुनाव में मेहनत की है।
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