शैक्षणिक संस्थानों को उद्योग से आगे की सोचने की आवश्यकता : प्रो. कुठियाला
अकादमिक संस्थानों को प्रोफेशनल संस्थानों से एक कदम आगे होना चाहिए।
जासं, पंचकूला : अकादमिक संस्थानों को प्रोफेशनल संस्थानों से एक कदम आगे होना चाहिए। विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भविष्य के लिए अवसर पर कार्य करने करने यह बेहतर समय है। उच्च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थी आने वाले कल को समाज में नेतृत्व देने के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्हें सही दिशा में ले जाने का कार्य विश्वविद्यालय का है। यह बात हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष ने परिषद् कार्यालय के सभागार में बुधवार को आयोजित ब्रेन स्टार्मिग सत्र में कुलपतियों, प्राध्यापकों और उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ट्रेडिशनल सिस्टम के साथ विकसित हो रहे क्षेत्रों के लिए भी कौशलयुक्त संसाधन का प्रबंधन करना विश्वविद्यालयों का कार्य है।
विश्वविद्यालयों को राजनीति और समाज को केंद्र बनाकर सामाजिक विकास के लिए इको सिस्टम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में बेहतर कार्य करना शुरू कर दिये हैं। प्रो. कुठियाला ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय के विजन प्रेजेंटेशन पर कहा कि प्रदेश में दो तरह के विश्वविद्यालयों की संकल्पना की गई है। पहले तरह के विश्वविद्यालय में प्रदेश की आवश्यकता अनुसार लोगों का तैयार किया जाएगा। उनके कार्य करने की क्षमता को प्रशिक्षण के माध्यम से कौशलयुक्त किया जाएगा। दूसरे तरह के विश्वविद्यालय में भविष्य के 20 वर्षो को ध्यान रखते हुए शोध, मानव संसाधन का प्रशिक्षण, सोशल सिस्टम में नवाचार, निजी और शासकीय क्षेत्रों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की योजना है। प्रो. कुठियाला ने कुलपतियों को कहा कि क्वांटम कम्प्यूटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निग, क्लाउड की ओर भारत के शैक्षणिक संस्थानों का भविष्य अग्रसर हो रहा है।
गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कूमार ने हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के आयोजित ब्रेन स्टार्मिग सेशन में विश्वविद्यालय के बेहतरी के लिए विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों एवं वैज्ञानिकों के समक्ष विश्वविद्यालय का विजन डाक्यूमेंट प्रस्तुत किया। प्रो. कुमार ने परिषद् के आयोजित ब्रेन स्टार्मिग सत्र में विद्वानों से प्राप्त सुझाव को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय के विकास को ध्यान में रखने का आश्वासन दिया। इस सत्र से विश्वविद्यालय के लिए नया विजन प्राप्त हुआ है और इसको लागू कर विश्वविद्यालय के विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। अंत में परिषद के परामर्शदाता केके अग्निहोत्री ने सभी का धन्यवाद किया।