Move to Jagran APP

National Herald case: AJL के पंचकूला वाले प्लाट को जब्त करने पर मुहर

AJL के सेक्टर-6 में स्थित 64 करोड़ रुपये के प्लॉट को जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के फैसले को एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने सही ठहराया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 29 May 2019 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 08:43 AM (IST)
National Herald case: AJL के पंचकूला वाले प्लाट को जब्त करने पर मुहर
National Herald case: AJL के पंचकूला वाले प्लाट को जब्त करने पर मुहर

जेएनएन, पंचकूला। एसोसिएट जनरल लिमिटेड (AJL) के सेक्टर-6 में स्थित 64 करोड़ रुपये के प्लॉट को जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के फैसले को एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने सही ठहराया था। एडजुकेटिंग अथॉरिटी के फैसले के बाद ED अब इस प्लॉट को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई करेगा।

loksabha election banner

आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने AJL को नियमों के विपरीत जाकर आवंटन किया था। इसी प्रकरण में सीबीआइ पंचकूला स्थित विशेष अदालत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। वोरा ने ही इस प्लाट के फिर से आवंटन के लिए हुड्डा को पत्र लिखा था।

सीबीआइ को हरियाणा सरकार की तरफ से यह केस 5 अप्रैल 2017 को दिया गया था। इससे पहले राज्य चौकसी ब्यूरो,हरियाणा द्वारा इसकी जांच की गई थी और उसमें नियमों में अनियमितता पाए जाने के बाद इसे सीबीआइ को सौंपा गया था।

यह प्लाट 24 अगस्त 1982 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने AJL प्रकाशन समूह को आवंटित किया था। कंपनी को इस पर छह माह में निर्माण शुरू करके दो साल में उसे पूरा कर लेना था, लेकिन कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। 30 अक्टूबर 1992 को हुडा ने आवंटन कैंसिल कर प्लॉट वापस ले लिया।

इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान 14 मई 2005 को हुडा के चेयरमैन (जो खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे) ने अफसरों को AJL कंपनी के प्लॉट के आवंटन बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा, लेकिन कानून विभाग ने ऐसी किसी भी संभावना से इन्कार कर दिया। इसके बावजूद नए आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें AJL को भी आवेदन करने की छूट दी गई और 28 अगस्त 2005 को AJL को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट कर दिया गया। साथ ही कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू करके एक साल में काम पूरा करने को भी कहा। 

ED के अनुसार, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया और गलत तरीके से AJL को यह प्लॉट आवंटित करा दिया। इसके बाद हुडा ने नियमों के विपरीत AJL को 1 मई, 2008 से 10 मई 2012 के बीच तीन बार निर्माण कार्य पूरा करने की छूट दी। AJL का निर्माण कार्य 2014 में जाकर पूरा हुआ। इस प्रकरण में सतर्कता विभाग ने भी मई 2016 में हुड्डा पर केस दर्ज किया था।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.