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देवीलाल की राह पर दुष्‍यंत, बांगर की धरती से करेंगे खास शुरूआत, अभय को देंगे झटका

दुष्‍यंत चौटाला परदादा ताऊ देवीलाल की राह पर चलने की तैयारी में हैं। वह देवीलाल की तरह बांगर की धरती जींद से नई शुरूआत करेंगे। देवीलाल ने 31 साल पहले न्‍याय युद्ध शुरू किया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 12:55 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 05:01 PM (IST)
देवीलाल की राह पर दुष्‍यंत, बांगर की धरती से करेंगे खास शुरूआत, अभय को देंगे झटका
देवीलाल की राह पर दुष्‍यंत, बांगर की धरती से करेंगे खास शुरूआत, अभय को देंगे झटका

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। इनेलो से निकाले गए हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला अपने परदादा ताऊ देवीलाल की राह पर हैं। 1987 में जिस तरह से देवीलाल ने बांगर बैल्ट जींद से न्याय युद्ध शुरू किया था, उसी तरह 31 साल बाद अपने पिता अजय सिंह चौटाला के सहयोग से दुष्यंत ने जींद की धरती से न्याययुद्ध शुरू करने का ऐलान किया है।

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ताऊ देवीलाल की राह पर दुष्यंत चौटाला, जींद बनेगा बदलाव का गवाह

20 नवंबर तक पैरोल तिहाड़ जेल से बाहर डाॅ. अजय चौटाला ने इनेलो के प्रधान महासचिव के नाते 17 नवंबर को जींद में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अजय सिंह और दुष्यंत खुद के खेमे को असली इनेलो साबित कर अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। देखना है कि पार्टी के कितने पदाधिकारी और विधायक प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होंगे।

किसी दूसरे दल के साथ नहीं जाएंगे दुष्यंत, अभय चौटाला के नेता विपक्ष के पद पर खतरा

पार्टी संविधान के मुताबिक, यदि प्रधान महासचिव पिछली दो या तीन बैठकों में शामिल नहीं हो पाए तो उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार है। 17 नवंबर तक अजय चौटाला के सभी जिलों के दौरे भी पूरे हो जाएंगे। अजय चौटाला ने अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए नई रणनीति के लिए जींद की धरती को चुना है।

चंडीगढ़ में मीडिया से मुखातिब दुष्यंत चौटाला ने किसी दूसरे दल के साथ जाने की तमाम संभावनाओं को खारिज कर दिया, लेकिन नई पार्टी बनाने के सवाल पर चुप्पी साध ली। बातों की बातों में उन्होंने यह संकेत जरूर दे दिया कि असली इनेलो ताऊ देवीलाल और अजय सिंह चौटाला के समर्थकों की है।

दुष्यंत के इस इशारे का मतलब अगली रणनीति तक इनेलो में ही रहकर अपने विरोधियों को घेरने की तैयारी से जुड़ा है। 17 नवंबर को जींद में यदि प्रदेश कार्यकारिणी में बहुमत हुआ तो विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला को पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। इससे उनके विपक्ष के नेता पद पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं।

विधायकों को अपने खेमे में जोड़ रहे अजय चौटाला

प्रदेश कार्यकारिणी को हालांकि अभय चौटाला को विधायक दल के नेता पद से हटाने का अधिकार नहीं है। इस अधिकार का इस्तेमाल सिर्फ विधायक कर सकते हैं, लेकिन अभय चौटाला को पार्टी से निकालने के बाद ही विधायक दल के नेता पद से हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है। अजय समर्थक धीरे-धीरे विधायकों को अपने खेमे में कर रहे हैं। इनेलो के 18 में से पांच विधायक फिलहाल अजय के खेमे में माने जा रहे हैं।

दुष्यंत की सोशल इंजीनियरिंग, मंच पर दो विधायक और चार पूर्व विधायक

सांसद दुष्यंत चौटाला चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दिए। उनके मंच पर पार्टी नेताओं की सोशल इंजीनियरिंग का गणित दिखाई दिया। जाट, दलित और गैर जाट नेताओं को अपने बगल में बैठाकर दुष्यंत ने ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की राजनीति को आगे बढ़ाने का संकेत दिया।

इनेलो के थिंक टैंक माने जाने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. केसी बांगड, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवती, पूर्व मंत्री जगदीश नैयर, प्रदेश सचिव अशोक शेरवाल, किसान सेल के पूर्व चेयरमैन निशान सिंह, उकलाना के विधायक अनूप धानक, पूर्व विधायक कलीर राम पटवारी, नरवाना के विधायक पृथ्वी सिंह नंबरदार, पूर्व विधायक रमेश खटक और पूर्व विधायक मक्खन सिंह समेत करीब एक दर्जन नेताओं ने दुष्यंत चौटाला के साथ प्रेस कांफ्रेंस का मंच सांझा किया।


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