हरियाणा में बगैर छात्र चल रहे दर्जनों स्कूल, 62 प्राथमिक स्कूल होंगे बंद
हरियाणा में दर्जनों ऐसे स्कूल हैं जहां एक भी विद्यार्थी नहीं हैं। शिक्षा विभाग ऐसे ही 62 स्कूलों को बंद करेगा।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के तमाम प्रयासों के बावजूद दर्जनों ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक भी विद्यार्थी नहीं है। चालू सत्र में भी 62 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में एक भी बच्चे ने दाखिला नहीं लिया। थक-हारकर शिक्षा विभाग ने 53 स्कूलों को बंद करने का फैसला कर लिया है, जबकि नौ स्कूलों को नजदीकी पाठशालाओं में मर्ज किया जाएगा। इन स्कूलों में तैनात 60 शिक्षकों को भी दूसरे स्कूलों में भेजने की कवायद शुरू हो गई है।
सोनीपत में सबसे ज्यादा नौ और नूंह में छह प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां किसी बच्चे ने दाखिला नहीं लिया। यमुनानगर, भिवानी, गुरुग्राम और हिसार में पांच-पांच, कैथल और रोहतक में चार-चार और अंबाला, रेवाड़ी व करनाल के तीन-तीन स्कूलों में कोई बच्चा नहीं है।
कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद और जींद के दो-दो प्राथमिक विद्यालयों और झज्जर व पलवल की एक-एक पाठशालाओं में किसी बच्चे ने पढऩे में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से इन स्कूलों को बंद अथवा मर्ज कर क्रियान्वयन रिपोर्ट मांगी है। मर्ज किए स्कूलों में जिसकी बिल्डिंग या ग्राउंड की हालत अच्छी होगी, छात्रों को उसी स्कूल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
चार साल में 208 प्राथमिक स्कूल हो चुके बंद
पिछले चार वर्षों में पूरे प्रदेश में 208 सरकारी प्राथमिक स्कूल बंद कर दिए गए। इस दौरान केवल 19 सरकारी पाठशालाएं और चार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ही नए खुले। इसके विपरीत चार वर्षों में 974 नए मान्यता प्राप्त निजी स्कूल खुले। इनमें 483 प्राथमिक, 416 वरिष्ठ माध्यमिक और 75 मिडल स्कूल शामिल हैं। हालांकि इस दौरान उच्च और माध्यमिक शिक्षा को तवज्जो देते हुए 378 सरकारी स्कूलों का दर्जा बढ़ाया गया। इनमें 224 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 77 मिडल स्कूल और 77 प्राथमिक स्कूल शामिल हैं।
शिक्षकों के कमी एक बड़ा कारण
प्रदेश में कुल 14,436 सरकारी स्कूल हैं जिनमें शिक्षकों के 1,18,351 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 20,675 पद खाली हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 14,736 लेक्चरर्स और हाई स्कूलों में 5939 पद मास्टरों के रिक्त हैं। करीब साढ़े तीन हजार स्कूल बगैर मुखिया के ही चल रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आधे से अधिक पद खाली हैं। इसके अलावा शिक्षकों से दूसरे कार्य लिए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला नहीं दिलाते।
ये स्कूल होंगे मर्ज
जिला मर्ज होने वाले स्कूल
भिवानी राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल, नंदगांव
गुरुग्राम राजकीय प्राइमरी स्कूल गढ़ी, राजकीय प्राइमरी स्कूल रामपुर
हिसार राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल बदछापर, मिगनी खेड़ा, ढाणी पंवार
झज्जर राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल मातनहाल
जींद राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल भामबेहवा, अलीपुर
महेंद्रगढ़ राजकीय प्राइमरी स्कूल सीलारपुर
पलवल राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल देवली
रोहतक राजकीय प्राइमरी स्कूल मैना, मकरौली कलां
सोनीपत राजकीय प्राइमरी स्कूल माजरा प्रथम
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ये स्कूल होंगे बंद
जिला बंद होने वाले स्कूल
अंबाला राजकीय प्राइमरी स्कूल छोटी बस्सी, पूर्वी बस्ती सबगा, तंका माजरा
भिवानी राजकीय प्राइमरी स्कूल बागवी, ढाणी जमालपुर, गल्र्स स्कूल ढाणी किरावड़, माधोपुराजहुप्पा
फतेहाबाद राजकीय प्राइमरी स्कूल बहलभोमिया, ढाणी नंगल
गुरुग्राम राजकीय प्राइमरी स्कूल दौलताबाद, सहरावण, प्री प्राइमरी गुरुग्राम,
हिसार राजकीय प्राइमरी स्कूल ढाणी फुरसैन, गल्र्स प्राइमरी बंदहेड़ी
झज्जर राजकीय प्राइमरी स्कूल भंबहेवा, अलीपुरा
कैथल राजकीय प्राइमरी स्कूल डेरा ज्ञानीराम, गल्र्स प्राइमरी स्कूल अहुन, सलीमपुर खेड़ा, डेरा झबराउ
करनान राजकीय प्राइमरी स्कूल बलाह प्रथम, खेरामुनक, न्यू हलवाना
कुरुक्षेत्र राजकीय प्राइमरी स्कूल मिरचरी मजरी, कुम्हार माजरा
महेंद्रगढ़ राजकीय प्राइमरी स्कूल, मखुटा
नूंह मेवात राजकीय प्राइमरी स्कूल मनिया बास, मच्छरौली, हीलालपुर, जजुका, पीनागवान, नकारपुर
रेवाड़ी राजकीय प्राइमरी स्कूल गोङ्क्षबदपुरा बास, गल्र्स स्कूल ढाणी सुंदरोज, गल्र्स प्राइमरी स्कूल रेवाड़ी द्वितीय,
रोहतक राजकीय गल्र्स प्राइमरी स्कूल ककराना, खैरारी मोड़,
सोनीपत राजकीय गल्र्स प्राइमरी खूबडू, गल्र्स प्राइमरी स्कूल अटेली, पट्टी ब्राह्मण, सोहेटी, रोहाना, गोपालपुर, महरा और रतनगढ़
यमुनानगर राजकीय प्राइमरी स्कूल कोट गोलसिया, खैजराबाद, रागर माजरा, डांडीपुर, मंसूरपुर।
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