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जिला परिषदों की अब अपनी सरकार, बढ़े अधिकार और करा सकेंगी बड़े कार्य

हरियाणा सरकार ने पंचायती निकाय संस्‍थानों को मजबूत करने के लिए महत्‍वपूर्ण कदम उठाया है। राज्‍य सरकार ने जिला परिषदों के अधिकारों में वृद्धि की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 01:04 PM (IST)
जिला परिषदों की अब अपनी सरकार, बढ़े अधिकार और करा सकेंगी बड़े कार्य
जिला परिषदों की अब अपनी सरकार, बढ़े अधिकार और करा सकेंगी बड़े कार्य

चंडीगढ़, जेएनएन। पंचायती राज संस्थानों को मजबूती देने में लगी प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। जिला परिषदों को अब जहां अपने क्षेत्रों में आधा दर्जन और विकास परियोजनाओं का निर्माण, रखरखाव और देखरेख कराने का अधिकार मिला है, वहीं करीब 25 करोड़ रुपये तक बजट भी मिलेगा। विकास परियोजनाओं की निगरानी रिपोर्ट को जिला परिषदें सीधे सरकार को भेजेंगी जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहेगी।

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आधा दर्जन और विकास कार्यों का मिला हक, 25 करोड़ तक मिलेगा बजट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वर्ण जयंती हरियाणा इंस्टीट्यूट फॉर फिस्कल मैनेजमेंट द्वारा स्थानीय निकायों को धन, कार्यों और अधिकारों के हस्तांतरण पर आयोजित बैठक में यह घोषणा की। इस दौरान  विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, 20 जिलों की जिला परिषदों के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिला परिषद में एक स्वतंत्र सीईओ होगा जिसे किसी दूसरे विभाग का अतिरिक्त जिम्मा नहीं दिया जाएगा। सीईओ और अन्य कर्मचारियों का वेतन जिला परिषद के खाते से निकाला जाएगा। जिप के अध्यक्ष ही  सीईओ की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) लिखेंगे। उन्होंने कहा कि जिला परिषद अब सरकार के रूप में काम करेगी। प्रत्येक जिला परिषद को उसके क्षेत्र और जनसंख्या के आधार पर 20 से 25 करोड़ रुपये तक का बजट दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जिला परिषदों को नई परियोजनाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए अनुमान प्रदेश सरकार को भेजने के लिए कहा ताकि बजट उपलब्ध कराया जा सके। तकनीकी कार्यों के लिए आउटसोर्सिंग के जरिये एक उपमंडल अधिकारी (नागरिक) और एक कनिष्ठï अभियंता (जेई) की नियुक्ति भी जिला परिषदें कर सकेंगी।

मनो‍हरलाल ने कहा कि जिला परिषदों को अपने स्वयं के संसाधन जुटाने के तरीके खोजने चाहिए। जिला परिषदों को कार्य के स्पष्ट वितरण के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि ओवरलेपिंग को रोका जा सके और पैसे का सही इस्तेमाल हो। प्रत्येक जिला परिषद के अपने कार्यालय होंगे।

पूर्व सैनिकों और कर्मचारियों की सेवाएं लेंगी जिला परिषदें

मनोहरलाल ने जिला परिषदों को विभिन्न विकास कार्यों में अपने क्षेत्र के पूर्व सैनिकों को शामिल करने की सलाह दी। इसी प्रकार शिक्षा, विकास एवं पंचायत और इंजीनियरिंग विंग जैसे विभागों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं ली जानी चाहिए। साथ ही 'गर्वित योजना' के तहत पंजीकृत युवाओं की सेवाएं लेने को कहा। योजना के तहत दस हजार युवाओं को पंजीकृत किया गया है जिसे 60 हजार करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों के पंचायती राज संस्थानों के कामकाज का भी अध्ययन किया जाएगा और इस क्षेत्र में सुधारों को अपनाया जाएगा।

जिला परिषद करा सकेंगी यह काम

जिला परिषद अपने स्तर पर कई तरह के विकास कार्य करा सकेंगी। इनमें बस क्यू शेल्टर का निर्माण, जल प्रबंधन की लघु परियोजनाओं का निर्माण, नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण, उप स्वास्थ्य केंद्रों का रखरखाव, प्राथमिक विद्यालयों की निगरानी, ड्रेनों का निर्माण एवं साफ-सफाई की निगरानी।


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