नहीं थम रहा विज और हरियाणा डीजीपी मनोज यादव का विवाद, गृहमंत्री ने फाइल पर की प्रतिकूल टिप्पणी
हरियाणा के गृहमंंत्री अनिल विज और राज्य के डीजीपी मनोज यादव का विवाद फिलहाल खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। विज किसी भी सूरत में मनोज यादव को डीजीपी पद से हटाने की बात पर अड़ गए हैं। उन्होंने डीजीपी यादव को लेकर फाइल पर प्रतिकूल टिप्पणी की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और डीजीपी मनोज यादव का विवाद फिलहाल समाप्त होता नहीं दिख रहा है। पूरे प्रकरण में विज अब भी डीजीपी को बदलवाने की जिद पर अड़ हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा डीजीपी मनोज यादव को दिए गए एक साल के सेवा विस्तार के तुरंत बाद गृह मंत्री अनिल विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा से आठ आइपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल मंगवा लिया था। इससे विज के इरादे साफ हो गए हैं।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने गृह सचिव की भेजी गई फाइल पर की प्रतिकूल नोटिंग
इसके साथ ही गृहमंत्री अनिल विज ने डीजीपी मनोज यादव की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए गृह सचिव द्वारा भेजी गई फाइल पर ही उनके विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणियां लिख दी हैं। इन टिप्पणियों के बाद अब मौजूदा डीजीपा के लिए इन परिस्थितियों में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
मौजूदा डीजीपी की कार्यप्रणाली को खराब बताते हुए सारे आरोपों को आन रिकार्ड किया
हरियाणा में सरकार के साथ डीजीपी का विवाद कोई नई बात नहीं है। पंजाब समेत दूसरे राज्यों में भी ऐसे विवाद होते रहे हैं, लेकिन अनिल विज ने गृह सचिव द्वारा भेजे गए पैनल की फाइल पर डीजीपी के खिलाफ जो टिप्पणियां की हैं, वह बेहद चौकाने वाली हैं। गृह मंत्री ने पुलिस महानिदेशक मनोज यादव को न केवल अक्षम अधिकारी करार दे दिया, बल्कि राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं संभाल पाने के लिए उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है।
पांच मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है। कांग्रेस राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली है। इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस विधायक सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों में चल रहे टकराव को मुद्दा बनाते हुए घेराबंदी करेंगे।
मौजूदा डीजीपी मनोज यादव केंद्र सरकार के साथ इंपेनल हैं। लिहाजा इस खिचखिच से बचने के लिए मनोज यादव एक साल के लिए मिली एक्सटेंशन से पहले भी केंद्र में वापस जाने का मन बना सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल नहीं चाहते कि मनोज यादव वापस जाएं। यादव को केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय एक अधिकारी का खास प्रतिनिधि माना जाता है।
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री की हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से निकटता नहीं है। अनिल विज जब बीमार हुए थे, उस समेत आधा दर्जन मौके ऐसे आ चुके, जब प्रधानमंत्री ने स्वयं फोन कर विज का हालचाल जाना, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच यह है कि गठबंधन की सरकार में किसी भी तरह का टकराव अच्छा नहीं रहता।
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मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सभी संभावनाओं के पूरे दरवाजे खोलकर रखे हैं। उन्होंने बड़े ही रणनीतिक अंदाज में मंगलवार को कहा था कि मनोज यादव जा भी सकते हैं और नहीं भी। यदि वह स्वयं चाहें तो समय से पहले जा सकते हैं और वह चाहें तो समय पूरा होने पर, लेकिन पैनल तभी जाएगा, जब यह तय होगा कि मौजूदा डीजीपी जाने वाले हैं। अनिल विज का तो यहां तक कहना है कि प्रदेश में चल रहे आंदोलन के बीच यदि मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर किसी जिले में नीचे न उतर पाए तो यह पुलिस के लिए कानून व्यवस्था की कितनी बड़ी चुनौती और उसका फेलियर है।
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