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चाय-पकौड़ों के साथ हो रही विधायक चुनने की चर्चा

चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है। चुनावी माहौल का असर दिखना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 06:37 AM (IST)
चाय-पकौड़ों के साथ हो रही विधायक चुनने की चर्चा
चाय-पकौड़ों के साथ हो रही विधायक चुनने की चर्चा

राजेश मलकानियां, पंचकूला : चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है। चुनावी माहौल का असर दिखना शुरू हो गया है। वरिष्ठ नागरिक और आम लोग विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करने लगे हैं। इस बार लोग राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर वोट देंगे। पंचकूला में लगभग सभी लोकल उम्मीदवार है। दैनिक जागरण की टीम ने शहर के कुछ चाय-पकौड़ों की दुकान पर खड़े लोगों से बातचीत की तो पाया कि लोग राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों को लेकर गंभीर हैं। शिक्षा, रोजगार, अपराध पर रोक, विकास कार्य जैसे मुद्दे तो हावी हैं, साथ ही देश की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हो रही है। कुछ ऐसे लोग भी मिले जोकि राजनीतिक पार्टियों की विचारधारा से प्रेरित थे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह रूटीन में यहां आते हैं लेकिन उनके हाव-भाव से ऐसा लग रहा था कि पार्टी का प्रचार भी कर रहे हैं और लोगों से फीडबैक भी ले रहे हैं। यह प्रतिनिधि अपने पार्टी की नीतियों के बारे में भी नागरिकों को बताते दिखे हालांकि लोगों ने एक ही बात कही कि अच्छा नेतृत्व सबके लिए महत्व रखता है। पंचकूला सीट पर हमेशा भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहा है, इसलिए इन दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि अपनी पार्टी की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने में जुटे हैं। माहौल के हिसाब से ही होती है चर्चा

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-सुशील कुमार ने कहा कि जैसा माहौल होता है, उसी हिसाब की चर्चा होती है। इन दिनों चुनाव का माहौल है तो चुनावी चर्चा होती है। लोकल उम्मीदवार है, उनकी छवि को लेकर भी चर्चा चल रही है।

-संदीप का कहना है कि रोजाना चाय पर चर्चा करते हैं। कई पार्टियों के प्रतिनिधि भी उनके पास आकर अपनी पार्टियों की नीतियों के बारे में बताते हैं। हम लोग एक-दूसरे के साथ चर्चा करते हैं और वोटिग के समय अपने विवेक से काम लेते हैं। सभी को चर्चा करनी चाहिए कि सरकार कैसी हो।

-जसपाल सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान में काम में कमी हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है। कारोबार नहीं चल रहा है। पैसा नीचे से ऊपर को जाएगा। पैसा बाजार में जाएगा तो स्थिर सरकार को जाएगा।

-हरबंस सिंह ने कहा कि चंद्रमोहन का कालका, रायपुररानी में जगह गांवों में अच्छा रसूख नहीं है, गांवों में भजनलाल के रहते अच्छी पहचान बनी तो उनको बहुत मानते हैं। हर शादी में पहुंचते थे। शहर के माहौल के बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है। यहां तो बहुत मेहनत करनी होगी।

-नवीन कुमार ने कहा कि ज्ञानचंद गुप्ता पुराने राजनीति के खिलाड़ी हैं। वह अपनी टीम से काम लेना जानते हैं। उन्होंने पिछले पांच साल में कई काम करवाए हैं। संभावना है कि वह इस बार भी जीतें लेकिन मुकाबला तो पूरा होने वाला है।


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