धार्मिक समागम के बहाने डेरे का शक्ति प्रदर्शन
राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : लोकसभा चुनाव में सामाजिक, धार्मिक एवं रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों ने राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। दबाव बनाकर राजनीतिक लाभ लेने के लिए शक्ति प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का वोट बैंक है और राजनीतिक दलों को डेरे की ओर से अपनी ताकत दिखाने के लिए धार्मिक समागमों की आड़ में शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। साथ ही राजनीतिक दलों का यह वहम भी दूर करने की कोशिश की है कि राम रहीम के जेल में जाने के बाद लोग डेरे से टूटने लगे हैं। दरअसल डेरा सच्चा सौदा की ओर से रविवार को सेक्टर-23 में धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। इस समागम के जरिये चुनावी माहौल में डेरा सच्चा सौदा द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की गई है, क्योंकि रविवार को समागम में पंचकूला एवं कालका दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से लोगों को बुलाया गया था। समागम में 8 से 10 हजार लोग पहुंचे, जिन्होंने अपनी संख्या से यह बताने की कोशिश की कि भले ही डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल में चले गए हों, लेकिन डेरे के प्रति उनकी आस्था में कोई कमी नहीं आई। लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां डेरे से संपर्क साधने में जुटी हुई है और कांग्रेस एवं भाजपा भी डेरे का समर्थन चाहती है, लेकिन समर्थन देने के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जो भी फैसला होगा, सिरसा से होगा
सेक्टर-23 नामचर्चा घर में 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई हिसा के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर बड़ा आयोजन किया गया। जिसमें सत्संग एवं नामचर्चा की गई। पंचकूला के जिम्मेदार अनिल भंगीदास ने बताया कि नामचर्चा की शुरुआत धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के साथ की गई। विनती शबद लगाकर भजन-कीर्तन शुरू किए। जिसमें शाह सतनाम महाराज की शब्दवाणी को भजनों के माध्यम से गाया गया। नामचर्चा का समापन लंगर के साथ किया गया। अनिल भंगीदास ने बताया कि इस दौरान गरीब लोगों को राशन दिया गया और साथ ही कुछ लोगों को स्टेशनरी का सामान दिया गया। हर वर्षगांठ पर गरीबों को सहायतार्थ सामान दिया जाता है। यह कार्यक्रम केवल धार्मिक था, चुनाव को लेकर जो फैसला लिया जाना है, वह सिरसा से ही होगा और डेरे से जो भी आदेश होगा, उसका सभी मिलकर पालन करेंगे। मौके पर लवली, नरेश भल्ला, कमल, मोहन लाल, चरण सिंह, अजैब सिंह, रवि कुमार, रामशरण, हंसराज भी उपस्थित थे। हिसा के बाद सील कर दिया गया था नामचर्चा घर
हिसा से पहले शिमला जाते हुए इस नामचर्चा घर में एक बार राम रहीम भी रुका था। गौरतलब है कि सेक्टर-23 नामचर्चा घर पंचकूला हिसा के बाद सील कर दिया गया था। कुछ माह पूर्व इसे खोला गया था और उसके बाद डेरा अनुयायियों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया।
पिछली बार भाजपा को मिला था डेरे का साथ
डेरा सच्चा सौदा की ओर से पिछले चुनाव में भाजपा को समर्थन दिया गया था। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को समर्थन मिलने के बाद कई विधायक बहुत कम अंतर से ही विजयी हुए थे। जिसके बाद भाजपा विधायक एवं मंत्री भी राम रहीम के पास हाजिरी लगाने गए थे। परंतु साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआइ अदालत के फैसले के बाद 25 अगस्त 2017 से राम रहीम जेल में है। राम रहीम के जेल में जाने के बाद लोकसभा का पहला चुनाव है और उसके बाद विधानसभा का चुनाव होगा, ऐसे में डेरे का समर्थन किसे मिलता है, देखना रोचक होगा।