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हनीप्रीत के बाद अब विपासना बनी 'पहेली', ईडी के समक्ष पेश और पुलिस से 'आंखमिचौली'

पंचकूला हिंसा एवं आगजनी के सूत्रधारों में से एक डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना गायब है। पंचकूला पुलिस उसकी तलाश में है, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल रहा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 09:18 AM (IST)
हनीप्रीत के बाद अब विपासना बनी 'पहेली', ईडी के समक्ष पेश और पुलिस से 'आंखमिचौली'
हनीप्रीत के बाद अब विपासना बनी 'पहेली', ईडी के समक्ष पेश और पुलिस से 'आंखमिचौली'

पंचकूला [राजेश मलकानियां]। 25 अगस्त 2017 को पंचकूला हिंसा एवं आगजनी के सूत्रधारों में से एक डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना गायब है। पंचकूला पुलिस उसकी तलाश में है, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल रहा। विपासना को सिरसा पुलिस ने 15 फरवरी 2018 को गुपचुप तरीके से नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन जब तक पंचकूला पुलिस विपासना को गिरफ्तार करने पहुंचती, उससे पहले ही वह गायब हो चुकी थी। विपासना के खिलाफ पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी करवा रखे थे।

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फरवरी 2018 के बाद विपासना पुलिस को नहीं मिली, लेकिन सूत्र बताते हैं कि विपासना को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी दो बार पूछताछ के लिए बुलाया। वह पूछताछ में शामिल भी हुई, लेकिन पुलिस एवं खुफिया विभाग को कोई खबर नहीं लगी। विपासना की पंचकूला पुलिस को एफआइआर नंबर 345 में तलाश है।

यह एफआइआर 28 अगस्त को दर्ज की गई थी, जिसमें पंचकूला में हुई हिंसा का आरोप सुरेंद्र धीमान और डॉ. आदित्य पर लगा था। एफआइआर नंबर 345 में हनीप्रीत के अलावा सुरेंद्र धीमान, गुरमीत, शरणजीत कौर, गोविंद, प्रदीप कुमार, गुरमीत कुमार, दान सिंह, सुखदीप कौर, सीपी अरोड़ा, खरैती लाल, चमकौर, राकेश, दिलावर सिंह भी आरोपी है, जिनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश हो चुकी है।

हनीप्रीत के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में कुल 67 गवाह बनाए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पुलिस के लोग हैं। हनीप्रीत और दूसरे आरोपियों के खिलाफ पंचकूला के सेक्टर-5 पुलिस थाने में 27 और 28 अगस्त को आइपीसी की धाराओं 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसमें कहा गया है कि आरोपितों ने राम रहीम को छुड़वाने की साजिश रची और हिंसा की। इसमें 32 लोगों की मौत हुई और 200 घायल हो गए थे।

विपासना के खिलाफ सरकारी गवाह बनने वाली उषा रानी निवासी वार्ड नंबर 6 मंडी कॉलोनी फतेहाबाद ने बताया था कि उसके पास 19 अगस्त को शाम 4 बजे डेरे से विपासना का फोन आया था कि संगत के साथ गाड़ियों में मिट्टी का तेल, तेजाब भेजना है।इ सके बाद उसने यह मैसेज आगे दे दिया था।

उषा रानी ने कहा था कि वह 25 अगस्त को न तो सिरसा गई और न ही पंचकूला आई थी। विपासना की गिरफ्तारी के लिए पंचकूला पुलिस ने वारंट ले रखे हैं। ऐसे में पंचकूला पुलिस के हाथ से डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना के बच निकलने से सिरसा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रखे हैं।

वहीं, इस मामले में हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू का कहना है कि हरियाणा पुलिस ने कई मोस्ट वांटेडों को गिरफ्तार करना है, जिसमें डॉ. आदित्य भी शामिल है। इसके अलावा विपासना से भी पूछताछ की जानी है। हरियाणा पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और विपासना को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कर लेगी।

25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ पंचकूला आई गाड़ियों के बारे में विपासना ने पंचकूला पुलिस की ओर से मांगी गई जानकारियां उपलब्ध करवा दी थी। विपासना ने डेरे से संबंधित 8 गाड़ियों के बारे में सूचना दे दी थी। साथ ही उनके साथ आए लोगों के बारे में भी जानकारी दी। इन गाड़ियों  में 25 अगस्त को कौन-कौन आए थे और इनको कौन चला रहा था, इस बारे में भी विपासना ने विस्तृत जवाब पंचकूला पुलिस को थमा दिया था। इसके बाद तीन-चार नोटिस देने के बाद एक बार विपासना पंचकूला पुलिस के समक्ष पेश हुई थी। लेकिन, फिर अचानक गायब हो गई।

कौन है डेरा चेयरपर्सन विपासना

विपासना की उम्र इस वक्त लगभग 33 साल की है। उसके बारे में कहा जाता है कि वह डेरे में तब गई थी जब छठी क्लास में पढ़ती थी। उसके बाद विपासना ने डेरा परिसर के अंदर ही चलाए जा रहे शैक्षिक संस्थानों से ग्रेजुएशन और मास्टर किया। ऐसा कहा जाता है कि हनीप्रीत की तरह ही विपासना भी डेरा चीफ राम रहीम की बेहद करीबियों में से एक थी।

25 अगस्त को पंचकूला में क्यों भड़की थी हिंसा?

पंचकूला में डेरा प्रेमियों ने वाहन जलाए। (फाइल फोटो)

साध्वियों से बलात्कार केस में गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत ने 25 अगस्त को दोषी करार दिया था। जैसे ही राम रहीम के ऊपर सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आया पंचकूला समेत पूरे हरियाणा और पंजाब में भारी हिंसा हुई। आग की लपटें दिल्ली और एनसीआर में भी महसूस की गई और डेरा समर्थक जगह-जगह आगजनी पर उतारु हो गए। जिसके बाद कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, पेट्रोल पंप को फूंक दिया गया और सरकार इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया। डेरा समर्थकों की इस हिंसा में 41 लोगों की जान चली गई जिनमें से 36 लोग सिर्फ पंचकूला मारे गए थे।

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