Deputy CM दुष्यंत चौटाला का बड़ा कदम, पंचायत विभाग में करोड़ों का घपले पर लिया Action
हरियाणा के पंचायत विभाग में बड़ा घपला सामने आया है। विभाग में यह घपला करोड़ों रुपये का बताया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश के सात जिलों में जांच शुरू कर दी गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पंचायत विभाग में घपले की शिकायतों पर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने इस पर तुरंत जांच शुरू करवा दी है। हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला होने की आशंका है। राज्य के कई जिलों में बिना पंचायत समितियों के प्रस्ताव और बिना टेंडर के ठेकेदारों को काम आवंटित किए जा रहे हैं। नियम यह है कि 20 लाख रुपये से अधिक के काम ऑनलाइन टेंडर के जरिये ही हो सकते हैं। सबसे अधिक शिकायत फतेहाबाद, सिरसा और जींद जिलों की हैं।
फतेहाबाद, सिरसा व जींद समेत सातों जिलों में 28 अधिकारियों की टीमें गठित
दुष्यंत चौटाला ने इन तीनों जिलों समेत सात जिलों में पंचायत विभाग के इस भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दे दिए हैं। इन सातों जिलों में जांच का तरीका भी अलग तरह का अपनाया गया है। जिन जिलों में जांच होनी है, उनका कोई अधिकारी जांच में शामिल नहीं किया गया।
उदाहरण के लिए यदि जींद जिले में जांच की जा रही है तो हिसार के अधिकारियों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस तरह सभी सात जिलों में यही प्रक्रिया अपनाई गई है। खास बात यह है कि पंचायत विभाग के इस भ्रष्टाचार की जांच किसी दूसरे विभाग के अधिकारी करेंगे। दुष्यंत चौटाला को रिपोर्ट मिली है कि यह करोड़ों रुपये का गोलमाल है, जो पिछले काफी समय से चल रहा था।
20 लाख से अधिक के काम बिना टेंडर शुरू, दुष्यंत चौटाला ने दिए जांच के आदेश
जांच के लिए एक जिले में चार अधिकारियों की टीम तैयार की गई है। इस चार सदस्यीय टीम में अलग-अलग विभागों के चार अधिकारी होंगे। बिना टेंडर और बिना वर्क अलाट हुए किए जा रहे कामों का अधिकतर रिकार्ड कब्जे में लिया जा चुका है। इसकी समग्र रिपोर्ट आने के बाद दुष्यंत चौटाला खुद कार्रवाई को अंजाम देंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। पहले चरण में सात जिलों में जांच शुरू कराई गई है। यदि मामला ज्यादा बड़ा निकला तो राज्य के बाकी जिलों में भी जांच का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में करीब 200 अधिकारियों के विरुद्ध चल रही जांच संबंधी फाइल दुष्यंत चौटाला पहले ही तलब कर चुके हैं। अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदारों ने काम शुरू कर रखे हैं। सैकड़ों ऐसे विकास कार्य हैं, जो 70 प्रतिशत तक पूरे हो चुके हैं, लेकिन किसी का भी टेंडर नहीं हुआ है। पंचायत समिति की बैठकों में भी इन कार्यों को लेकर प्रस्ताव पास नहीं हुआ है।
अधिकारियों के साथ सेटिंग के कारण ठेकेदारों ने पहले ही काम शुरू कर दिए थे। जांच रिपोर्ट दुष्यंत सीएम मनोहर लाल से मंत्रणा करेंगे। भ्रष्टाचार के मामले में सीएम पहले से ही सख्त रुख रखते हैं। ऐसे में सातों जिलों की जांच रिपोर्ट कई अधिकारियों के गले की फांस बन सकती है।
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