फ्लोर वाइज कमर्शियल संपत्ति की हो खरीद-परोख्त
हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मांगपत्र सौंपा।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मांगपत्र सौंपा। एसोसिएशन के प्रधान सुरेश अग्रवाल द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में वाणिज्यिक संपत्तियों के फ्लोर वाइज खरीद फरोख्त करने के लिए अनुमति देने की मांग की गई है। सुरेश अग्रवाल ने बताया कि वाणिज्यिक संपत्तियों की फ्लोर वाइज बिक्री की अनुमति वर्तमान में नहीं दी गई है, जो राज्य सरकार और आम जनता के हित में नहीं है। जहां एक तरफ सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, वहीं आम जनता जो पूरी तरह से वाणिज्यिक संपत्ति का वहन नहीं कर सकती है, वह भी वाणिज्यिक संपत्ति का एक फ्लोर खरीदकर लाभान्वित होगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम जनता के हित में होगा। इससे छोटे उद्यमी को काफी लाभ होगा। वाणिज्यिक संपत्तियों की फ्लोर वाइज बिक्री/खरीद की अनुमति चंडीगढ़ यूटी में दी गई है। यहां तक कि एक मंजिल पर जगह भी बेची/खरीदी जा सकती है। यदि हरियाणा में यह सुविधा शुरू की गई, तो एचएसवीपी द्वारा वाणिज्यिक संपत्तियों की नीलामी में सुधार करने में भी मदद मिलेगी। आवासीय संपत्तियों के संबंध में फ्लोर वाइज खरीद फरोख्त की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। इसी तर्ज पर वाणिज्यिक संपत्तियों के मामले पर विचार किया जाना चाहिए। चार मंजिला निर्माण के मामले में एफएआर उठाया जाए हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर सीएम का तीन मंजिला घरों के मामले में एफएआर को बढ़ाने के लिए आभार भी व्यक्त किया गया। सुरेश अग्रवाल ने बताया कि घर में चौथी मंजिल को भी उसी मंजिल क्षेत्र अनुपात के भीतर अनुमति दी गई है। चार मंजिला निर्माण के मामले में एफएआर उठाया जाए, क्योंकि इससे प्रति मंजिल निर्माण क्षेत्र में कमी आएगी। बढ़े हुए क्षेत्र को खरीदने योग्य बनाया जा सकता है यानी एचएसवीपी को शुल्क देकर अतिरिक्त निर्माण किया जाएगा। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और आम जनता के लिए मददगार होगा। -कोचिग सेंटरों को बंद करने की बजाय उपाय करने की मांग
सुरेश अग्रवाल ने सीएम से यह भी मांग की कि विभिन्न व्यावसायिक संपत्तियों में कोचिग संस्थान चलते हैं, जो अब सूरत की घटना के मद्देनजर बंद कर दिए गए हैं। इस तरह की घटनाएं आंखें खोलने वाली होती हैं, लेकिन इस तरह संस्थानों को बंद करना कोई समाधान नहीं है। इन संस्थानों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहिए और पहले से ही आवश्यक सुविधाओं जैसे अग्निशमन उपकरण, विद्युत फिटिग और अन्य सुरक्षा उपाय के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।