Delhi Assembly Elections: भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची से निराश Dushyant Chautala को अभी भी है आस
Delhi Assembly Elections 2020 हरियाणा की तरह किंगमेकर बनने का सपना संजोए उप मुख्यमंत्री Dushyant Chautala ने अभी भी भारतीय जनता पार्टी से आस नहीं छोड़ी है।
जेएनएन, नई दिल्ली। Delhi Assembly Elections 2020: दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़कर हरियाणा की तरह किंगमेकर बनने का सपना संजोए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने अभी भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से आस नहीं छोड़ी है।
हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश भाजपा सरकार में सहयोगी दल के नेता की भूमिका निभा रहे हैं और इसके चलते वे चाहते थे कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी का भाजपा के साथ समझौता हो जाए। हालांकि भाजपा ने दिल्ली की कुल 70 सीटों में से 57 पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इनमें भाजपा ने उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जिन पर जजपा नेता दुष्यंत चौटाला अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए दावा जता रहे थे। बावजूद इसके अब दुष्यंत चौटाला को आस है कि बकाया 13 सीटों में से भाजपा महरौली, संगम विहार और नांगलोई जाट की सीट जजपा के लिए छोड़ेगी। शनिवार शाम दुष्यंत चौटाला ने जजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ इस बाबत चर्चा भी की। बता दें, दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ने का दावा किया था।
दुष्यंत को सीट नहीं दिए जाने से प्रसन्न हैं दिल्ली और हरियाणा भाजपा के जाट नेता
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की पहली सूची में हरियाणा की जननायक जनता पार्टी को एक भी सीट नहीं दिए जाने से दिल्ली सहित हरियाणा भाजपा के जाट नेता काफी खुश हैं। सूत्रों की माने तो ये नेता चाहते हैं कि दुष्यंत को दिल्ली की राजनीति से दूर रखा जाए। इसका एक कारण ये जाट नेता यह भी कहते हैं कि दुष्यंत के साथ समझौता करने पर आम आदमी पार्टी बड़ा राजनीतिक स्टंट चल सकती है। शिक्षक भर्ती घोटाले में दुष्यंत चौटाला के पिता और दादा दस वर्ष की सजा काट रहे हैं।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें