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दीपेंद्र सिंह ढेसी की हरियाणा CMO में दमदार एंट्री, CM के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी बने

पूर्व मुख्य सचिव दीपेंद्र सिंह ढेसी की हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय में दमदार एंट्री हो गई है। ढेसी को सीएम मनोहर लाल का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। हरियाणा सरकार पंजाब की तर्ज पर ढेसी के लिए नया पद क्रिए किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 04:31 PM (IST)
दीपेंद्र सिंह ढेसी की हरियाणा CMO में दमदार एंट्री, CM के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी बने
हरियाणा के नवनियुक्त चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपेंद्र सिंह ढेसी। फाइल फोटो

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन पद पर एक साल तक कार्यरत रहे पूर्व मुख्य सचिव दीपेंद्र सिंह ढेसी की मुख्यमंत्री कार्यालय में दमदार एंट्री हो गई है। हरियाणा सरकार ने ढेसी के लिए मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (मुख्य प्रधान सचिव) का पद क्रिएट किया गया और सोमवार शाम इस पद पर उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। हरियाणा में पंजाब की तर्ज पर पहली बार कोई अधिकारी मुख्यमंत्री का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी लगाया गया है।

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पंजाब में यह प्रयोग इसी बार किया गया है। वहां कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चीफ प्रिसिपल सेक्रेटरी पद पर सुरेश कुमार की नियुक्ति कर रखी है। हरियाणा में राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं। वह विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक बन गए और 25 अक्टूबर के बाद किसी भी समय उनकी रवानगी संभव है।

मुख्यमंत्री ने खुल्लर को सोमवार सुबह ही अपने निवास पर बुला लिया था। लंबी मंत्रणा के बाद सोमवार शाम मुख्य सचिव विजयवर्धन ने दीपेंद्र सिंह ढेसी के मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनने संबंधी आदेश जारी किए। ढेसी मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगडा के रहने वाले हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है।

दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में ही प्रकाशित कर दिया था कि ढेसी को सीएम का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया जा रहा है। ढेसी 1982 बैच के आइएस अधिकारी हैं। प्रदेश के 32वें मुख्य सचिव के पद पर उनकी नियुक्ति 31 दिसंबर 2014 को हुई थी। उन्हें केंद्र में डेपुटेशन से वापस बुलाकर मुख्य सचिव बनाया गया था।

ढेसी ने करीब पौने पांच साल तक मुख्य सचिव के पद पर कार्य किया और 30 जून 2019 को रिटायर हो गए थे। रिटायरमेंट के बाद ढेसी को 16 अगस्त 2019 को हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। ढेसी इस पद पर पूरे एक साल तक रहे और अब उनकी मुख्यमंत्री कार्यालय में जबरदस्त तरीके से एंट्री हो गई है।

उमाशंकर और योगेंद्र चौधरी बनेंगे प्रिंसिपल सेक्रेटरी, आशिमा भी होंगी पावरफुल

मुख्यमंत्री के मौजूदा प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर के वाशिंगटन डीसी जाने के तुरंत बाद सीएमओ में बड़ा बदलाव तय है। अगले आदेश तक राजेश खुल्लर ही सीएम के प्रधान सचिव बने रहेंगे। फिलहाल सीनियर आइएएस अधिकारी वी उमाशंकर सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव और आइआरएस अधिकारी योगेंद्र चौधरी भी इसी पद पर कार्य कर रहे हैं। चंडीगढ़ के डीसी मनदीप बराड़ की धर्मपत्नी आइएएस आशिमा बराड सीएम की उप प्रधान सचिव हैं। उनसे पहले बराड़ उप प्रधान सचिव थे।

संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री सीएमओ में किसी नए अधिकारी की एंट्री कराने के बजाय वी उमाशंकर और योगेंद्र चौधरी को समान रूप से पावरफुल बना सकते हैं। मसलन दोनों अधिकारियों को सीएम का प्रधान सचिव नियुक्त किया जा सकता है और दोनों का काम अलग-अलग बांट दिया जाएगा, जिनकी रिपोर्टिंग चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी डीएस ढेसी को होगी। आशिमा बराड़ को सीएम का अतिरिक्त प्रधान सचिव नियुक्त किया जा सकता है।

नए सिरे से होगा अधिकारियों के कामकाज का बंटवारा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यालय में हुए इस बड़े बदलाव के बाद अब अधिकारियों के कामकाज में बंटवारा तय है। अभी तक मौजूदा प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ही सुप्रीम पावर हैं। उनके पास दो दर्जन से अधिक विभागों का काम है। सीएम के प्रिंसिपल ओएसडी नीरज दफ्तौर हैं। उन्हें मुख्यमंत्री का बेहद खास और भरोसेमंद माना जाता है। सीएमओ में ओएसडी, राजनीतिक सचिव और मीडिया सलाहकार भी काम कर रहे हैं। जल्द ही सभी अधिकारियों, प्रिंसिपल ओएसडी और ओएसडी के बीच नए सिरे से कामों के लिए विभागों का बंटवारा हो सकता है।

अब बिजली व सेवा के अधिकार आयोग के लिए लाबिंग

हरियाणा में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिनकी मुख्यमंत्री कार्यालय में एंट्री की उम्मीदें धरी रह गई। इन अधिकारियों में आधा दर्जन आइएएस अधिकारी शामिल हैं। अब इन अधिकारियों को नए सिरे से लाबिंग करनी पड़ सकती है। डीएस ढेसी के हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार को अब इसी आयोग के लिए नए चेयरमैन की तलाश करनी होगी। साथ ही हरियाणा में सेवा का अधिकार आयोग के लिए भी चेयरमैन या चेयरपर्सन की नियुक्ति होनी है। इस पद के लिए भी अधिकारियों में जबरदस्त लाबिंग चल रही है। आधा दर्जन अधिकारी इस पद के लिए दौड़ में शामिल हैं।


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