Move to Jagran APP

हरियाणा में सड़कों पर गोवंश के रूप में घूम रही मौत, हर माह 10 लोग गंवा रहे जान, गायें भी मर रहीं

हरियाणा में सड़क सुरक्षा में आवारा पशु और गोवंश बड़ी बाधा है। सड़कों पर घूम रहे गाेवंश के कारण हादसे होने के कारण हर माह 10 लोगों की राज्‍य में मौत हो रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 11:12 AM (IST)
हरियाणा में सड़कों पर गोवंश के रूप में घूम रही मौत, हर माह 10 लोग गंवा रहे जान, गायें भी मर रहीं
हरियाणा में सड़कों पर गोवंश के रूप में घूम रही मौत, हर माह 10 लोग गंवा रहे जान, गायें भी मर रहीं

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में सड़कों पर खुला घूम रहा गोवंश न तो खुद के लिए और न ही लोगों के लिए सुरक्षित है। प्रदेश में हर रोज लावारिस पशुओं की वजह से कम से कम 50 हादसे हो रहे हैं। इन हादसों में हर माह कम से कम 10 लोग मौत के आगोश में समा रहे हैं। वाहनों से टकराकर पशुधन भी मौत की नींद सो रहा है। पशुओं के हमले के शिकार दर्जनों लोग अपंगता की स्थिति में जीवन के दिन बीता रहे हैं। मौत और घायलों के ये वे मामले हैं, जो पंजीकृत हैं। इसके अलावा भी बहुतेरे ऐसे केस हैं जो कहीं दर्ज नहीं हुए।

loksabha election banner

578 गोशालाएं, 332 पुलिसकर्मी, बढ़ा बजट, फिर भी दो साल में 241 लोग मरे, हर माह 10 की मौत

यह स्थिति तब है, जब प्रदेश में 578 गोशालाएं, 18 पुलिस इंस्पेक्टर के साथ 332 पुलिसकॢमयों का सुरक्षा दस्ता और प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त अभियान चलाने वाला गोसेवा आयोग तथा बड़ा प्रशासनिक अमला मौजूद है और प्रदेश को 15 अगस्त 2018 तथा 26 जनवरी 2019 को बेसहारा पशु मुक्त राज्य घोषित किया जा चुका है।

दो बार फेल हुआ हरियाणा को लावारिश पशु मुक्त बनाने का अभियान
 
हरियाणा में जीटी रोड, हिसार-सिरसा रोड, अंबाला कैथल रोड, पानीपत-रोहतक-हिसार रोड और गुरुग्राम व फरीदाबाद रोड समेत कई ऐसे हाईवे हैं, जहां अक्सर रात को सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हाल ही में रेवाड़ी में एक सांड गाड़ी से टकरा गया, जिस कारण युवक की मौत हो गई। एक आरटीआइ के मुताबिक 1 फरवरी 2018 से  2 मार्च 2020 तक प्रदेश में 241 व्यक्तियों की जान बेसहारा पशुओं की वजह से हुई सड़क दुर्घटनाओं के चलते गई हैं। कितने लोग अपंग हो चुके, इसका आंकड़ा न तो ट्रैफिक पुलिस के पास है और न ही गोसेवा आयोग के पास कोई डिटेल है।

फतेहाबाद में 40, अंबाला में 36, कैथल व सिरसा में 23-23 मौतें
हरियाणा में सड़कों पर घूमने वाले पशुधन की वजह से दो साल के भीतर सबसे ज्यादा 40 मौते फतेहाबाद में हुई हैं। अंबाला में 36, कैथल व सिरसा में 23-23, हिसार में 19 तथा पंचकूला में 16 हुई हैं। सोनीपत में 14, भिवानी में 13, झज्जर में 10, करनाल में नौ, रेवाड़ी व यमुनानगर में सात, कुरुक्षेत्र में चार, चरखीदादरी में तीन, फरीदाबाद व पलवल में दो-दो तथा पानीपत में एक व्यक्ति की मौत लावारिस पशुधन की वजह से सड़कों पर टकराने से हुई है। चार जिले गुरुग्राम, जींद, नूंह और नारनौल ऐसे हैं, जहां मौतें होने का रिकार्ड नहीं बताया जा रहा है। हालांकि इन जिलों में भी दुर्घटनाएं हुई हैं।

शहरों में कहां से आए ये पशु
बेसहारा पशुओं में ज्यादातर बांझ हैं, इसलिए इसे गोशालाओं में रखने में गोशाला संचालक ज्यादा रुचि नहीं दिखाते। ये पशु राजस्थान और पंजाब की सीमा से भी हरियाणा में प्रवेश करते हैं। पशुपालक दूध देना बंद करने के बाद पशुओं को खुला में छोड़ देते हैं, जो दिन व रात सड़कों पर घूमते हुए बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।

हरियाणा में गोशालाओं की स्थिति
कुल गोशालाएं -578
कुल गायें -3,99,953

किस जिले में कितनी गोशालाएं

      जिला -       गोशालाएं -    पशुधन
1. सिरसा -         118 -         45,280
2. फतेहाबाद -      60 -         33,158
3. अंबाला -        10 -           5413
4. भिवानी -        31 -          19,923
5. चरखी दादरी - 13 -           4,770
6. फरीदाबाद -      7 -            4,568

7. गुरुग्राम -         17 -       21,607
8. हिसार -            58 -      46,236
9. झज्जर -           11 -      16,463
10. जींद -           40 -        35,989
11. कैथल -          19 -      19,444
12. करनाल -       23 -      16,993

13. कुरुक्षेत्र -        27 -      10,220
14. महेंद्रगढ़ -      24 -      18,589
15. नूंह -             12 -       6219
16. पानीपत -      25 -       17,377
17. पंचकूला -      11 -        4,454
18. पलवल -      15 -         6026

19. रेवाड़ी -          9 -          5,655
20. रोहतक -       13 -         22,612
21. सोनीपत -     27 -        36,041
22. यमुनानगर -  8 -         2,916


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.