डीलिंग असिस्टेंट को काम से हटाया
जागरण संवाददाता, पंचकूला : फर्जी तौर पर दो प्लॉट बेचे जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए एचएसवीपी क
जागरण संवाददाता, पंचकूला : फर्जी तौर पर दो प्लॉट बेचे जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए एचएसवीपी के एस्टेट ऑफिसर ने ऑफिस के डी¨लग असिस्टेंट का काम वापिस ले लिया है। एस्टेट ऑफिसर की ओर से बनाई गई इंटर्नल कमेटी की प्रीलिमनरी रिपोर्ट में डी¨लग असिस्टेंट की लापरवाही सामने आई है। दरअसल सुपरिटेंडेंट की ओर से फर्जी राज कमल बंटे के सिग्नेचर पर ऑब्जेक्शन लगाने के बाद उसकी मिलान करवाने के लिए डी¨लग असिस्टेंट को कहा था। मगर डी¨लग असिस्टेंट ने फर्जी साइन को ऑथेंटिक बताकर उस फाइल को आगे प्रोसेस में डाल दिया। जानकारी के मुताबिक हाल ही में वह काट्रेक्ट पर एचएसवीपी ऑफिस में बतौर डी¨लग असिस्टेंट लगा था। एस्टेट ऑफिसर ने इंटर्नल कमेटी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट पर अगली कार्रवाई के लिए चीफ एडमिनिस्ट्रेटर को फाइल भेज दी है। पूरे फर्जवाड़े की विजिलेंस जांच करवाने की परमिशन के लिए एस्टेट ऑफिसर ने चीफ एडमिनिस्ट्रेटर को लेटर लिखा है। यह था मामला
चंडीगढ़ निवासी राज कमल बंटा, जोकि हिमाचल के शिमला का रहने वाला है, उनके नाम सेक्टर-4 व 8 में प्लॉट है। सेक्टर-4 में 14 मरले का प्लॉट है, जिसका नंबर-316 है और सेक्टर-8 में एक कनाल का प्लॉट है, जिसका नंबर 813 है। दोनों प्लॉट की कीमत करीब 10 करोड़ की है। दोनों प्लॉट पर करीब 20 प्रतिशत कंस्ट्रक्शन है और उसमें कोई भी नहीं रह रहा है। ऐसे में सालों से पड़े खाली प्लॉट को देखकर उसे फर्जी तौर पर बेचा जा रहा था। जिसमें से सेक्टर-8 के प्लॉट का ट्रांसफर परमिशन एस्टेट ऑफिस की ओर से जारी कर दिया गया। वहीं, सेक्टर-4 के प्लॉट के ट्रांसफर परमिशन के लिए आवेदन दिया था, जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।