आंगनबाड़ी वर्करों की वार्ता वेतन बढ़ाने, सेवानिवृत्ति लाभ व पेंशन पर अटकी
अांदोलनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स की सरकार के साथ वार्ता में गतिरोध अा गया है। सरकार ने उनकी छह मांगें मान ली थी, लेकिन बात वेतन बढ़ाने, सेवानिवृत्ति लाभ व पेंशन के मुद्दे पर फंस गई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार से करीब छह मांगों को पूरा करने की सहमति के बावजूद वेतन बढ़ाने, सेवानिवृत्ति लाभ व पेंशन के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों की बात बिगड़ गई है। मुख्य मांगें पूरी नहीं होने से खफा आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स एसोसिएशन ने चार दिन से चली आ रही हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला खुलने की उम्मीदें फिलहाल क्षीण हो गई हैं।
प्रधान सचिव ने मुख्य मांगों पर गेंद सीएम के पाले में डाली
महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन के निर्देश पर विभाग के प्रधान सचिव राजा शेखर वूंडरू ने यूनियन की पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया था। बृहस्पतिवार को यूनियन की ओर से महासचिव शकुंतला, कार्यकारी अध्यक्ष मधु शर्मा, कृष्णा जांगड़ा, कमला, दमयंती व सुमन उचाना के अलावा सीटू के प्रदेश महासचिव जय भगवान, सर्व कर्मचारी संघ के ऑडिटर सतीश सेठी ने अपना पक्ष रखा।
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विभाग की उप निदेशक शशि दुहन और सुशीला रावल से सलाह के बाद प्रधान सचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्करों को 18 हजार रुपये वेतन, रिटायरमेंट लाभ और पेंशन शुरू करने के मुद्देे पर मुख्यमंत्री ही फैसला ले सकते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों का शहर में किराया छह हजार व गांव में तीन हजार करने, हेल्पर्स और वर्कर को पदोन्नति सहित अन्य मांगों पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।
सिरसा में बृहस्पतिवार को धरना देतीं आंगनबाड़ी वर्कर्स।
उन्होंने कहा कि बकाया वेतन एरियर समेत जल्द उनके खातों में डलवा दिया जाएगा व हेल्पर्स की पिछली बढोतरी 70 रुपये की बजाय 320 रुपये की दर से दी जाएगी। मुख्य मांगें पूरी नहीं होने से खफा यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि सभी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
देखें तस्वीरें: हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, थाली-चम्मच बजाई
बृहस्पतिवार को भी आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों ने पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन जारी रखा। सर्वकर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि 25 फरवरी तक मामले का स्थाई हल नहीं निकला तो 26 को कर्मचारी खंड स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद आर या पार की रणनीति बनाई जाएगी।