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दलाल ने दिया विपक्ष को जवाब, कहा- फसल खरीद और बीमा पर किसानों को दिए 5150 करोड़

दलाल ने गेहूं खरीद पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। कहा कि गेहूं व सरसों की फसल खरीदने पर 2650 करोड़ व फसल बीमा पर किसानों को 2500 करोड़ जारी किए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 10:55 AM (IST)
दलाल ने दिया विपक्ष को जवाब, कहा- फसल खरीद और बीमा पर किसानों को दिए 5150 करोड़
दलाल ने दिया विपक्ष को जवाब, कहा- फसल खरीद और बीमा पर किसानों को दिए 5150 करोड़

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विपक्ष द्वारा किसानों को समय पर भुगतान की अदायगी न किए जाने के आरोपों को खारिज किया है। दलाल ने दावा किया कि अब तक किसानों को 1500 करोड़ रुपये गेहूं तथा 1150 करोड़ रुपये सरसों की फसल खरीद के रूप में जारी किए जा चुके हैं। गेहूं व फसल के भुगतान के रूप में किसानों के खाते में कुल 20 हजार करोड़ रुपये जाएंगे, जिससे न केवल किसान बल्कि हरियाणा का हर वर्ग आर्थिक रूप में मजबूत होगा।

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चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेपी दलाल ने कहा कि कोरोना के कारण इस बार प्रदेश की मंडियां देरी से शुरू हुई हैं। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खरीद की जा रही है। एक माह के भीतर करीब छह लाख मीट्रिक टन सरसों तथा 62 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। सीमाएं सील होने के कारण इस बार पड़ोसी राज्यों से गेहूं नहीं आया है।

इस दौरान कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल मंडियों में गेहूं व सरसों खरीद की पूरी व्यवस्था पर निगाह रखे हैं। दलाल ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान फसल बीमा योजना के तहत किसानों से 825.69 करोड़ रुपये प्रीमियम में लिया गया, वहीं किसानों को 2546.96 करोड़ बीमा राशि दी गई है। इस योजना के नाम पर किसानों को गुमराह करने वाली कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान किसानों से बीमा के रुप में 164.30 करोड रुपये लिए गए और 10 साल के दौरान केवल 827.01 करोड़ रुपए दिए गए। भाजपा सरकार में किसानों को 2764.93 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए। हरियाणा में लागू प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत प्रदेश के किसानों को 6362.36 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।

नमी 12 प्रतिशत से कम है तो नहीं होगी कटौती

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गेहूं में नमी को लेकर चल रहे विवाद पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर नमी 12 प्रतिशत से कम है तो किसी तरह की कटौती नहीं होगी। अगर 12 प्रतिशत से अधिक है तो गेहंू को सुखाकर खरीदा जाएगा। अगर एफसीआई द्वारा नमी के नाम पर कटौती की जा रही है तो वह प्रदेश सरकार की होगी। इसका किसानों से कोई सरोकार नहीं होगा।

फसल विविधिकरण नहीं अपनाया तो होंगे गंभीर परिणाम

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेश सरकार द्वारा सात जिलों में धान की रोपाई पर लगाई गई रोक को उचित ठहराते हुए कहा कि धान की फसल रोपने पर प्रदेश सरकार ने जो फैसला किया है वह उन ब्लाक के सभी किसानों पर लागू होगा। जो किसान पंचायती जमीन पर धान लगाते हैं वह नहीं लगा सकेंगे। इसके अलावा जो किसान अपनी जमीन पर धान की रोपाई करेंगे उन्हेंं सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए किसानों को चाहिए कि वह धान की वैकल्पिक फसलों को अपनाएं।


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