बाल अपराध से निपटने के लिए एक मंच पर आएंगे नौ राज्य
बाल अपराध से निपटने के लिए नौ राज्य एक मंच पर आएंगे। बैठक में यौन अपराधों से बच्चों को बचाने और पुनर्वास के लिए कारगर तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में लगातार बढ़ते बाल अपराधों पर मंथन के लिए नौ राज्यों के शीर्ष स्तर के अधिकारी और प्रतिनिधि चंडीगढ़ में जुटेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की पहल पर 18 से 19 जून तक चलने वाले सम्मेलन में न केवल बाल अधिकारों पर चर्चा होगी, बल्कि यौन अपराधों से बच्चों को बचाने और पुनर्वास के लिए कारगर तरीके ढूंढ़े जाएंगे।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक पूरे देश में बाल अपराध के मामलों में 14 फीसद का इजाफा हुआ है। यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पोक्सो) के आंकड़ों के अनुसार सभी तरह के बाल अपराध में यौन अपराध की हिस्सेदारी एक तिहाई है और हर 15 मिनट में एक बच्चे के साथ यौन अपराध होता है। पिछले पांच वर्षों में इसमें 300 फीसद की वृद्धि हुई है। इसमें 18 फीसद मामले दुष्कर्म के हैं, जबकि अपहरण और चोरी की कुल हिस्सेदारी 51 फीसद है।
बाल अपराध से निपटने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने क्षेत्रीय सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू की है। हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग की गुजारिश पर उत्तर भारत के राज्यों के लिए उत्तर-पश्चिम क्षेत्रीय सम्मेलन चंडीगढ़ में रखा गया। इसमें किशोर न्याय अधिनियम, यौन अपराधों से बाल संरक्षण, सबल न्याय (पीडि़त मुआवजा और पुनर्वास) अधिनियमों के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।
कॉन्फ्रेंस में हरियाणा के अलावा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक चर्चा में शामिल होंगे। इसके अलावा सभी राज्यों के मानवाधिकार आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरणों के अधिकारी, पब्लिक प्रोसीक्यूटर, बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्डों के सदस्य, विधि-सह-प्रोबेशन अधिकारी और बाल गृहों के अधीक्षक सम्मेलन में भागीदारी करेंगे।