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कबाड़ में चिट्ठियांः जेल महानिदेशक की चिट्ठी की कीमत पांच पैसे आधार कार्ड दो पैसे में

आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य महत्वपूर्ण सरकारी चिट्ठियां जीरकपुर में कबाड़ के ढेर में मिली। कबाड़ी ने इन्हें कबाड़ के भाव खरीदा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 01:53 PM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 07:53 PM (IST)
कबाड़ में चिट्ठियांः जेल महानिदेशक की चिट्ठी की कीमत पांच पैसे आधार कार्ड दो पैसे में
कबाड़ में चिट्ठियांः जेल महानिदेशक की चिट्ठी की कीमत पांच पैसे आधार कार्ड दो पैसे में

पंचकूला [राजेश मलकानियां]। आपके घर पर कब चिट्ठी पहुंचने वाली है, आप किसी भी समय ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर स्टेटस चेक कर सकते हैं, लेकिन ये सभी दावे खोखले हैं। न जाने कितने लोग इंटरव्यू लेटर, आधार कार्ड पैन कार्ड व अन्य महत्वपूर्ण रजिस्ट्रियों का इंतजार कर रहे होंगे, लेकिन उन्हें क्या पता कि उनकी डाक कबाड़ के भाव बिक चुकी हैं। अंबाला के सांसद से लेकर हरियाणा जेल महानिदेशक की चिट्ठी को भी कबाड़ी ने 5 पैसे के भाव से खरीद लिया।

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महिला आयोग ने असंध की एक महिला की शिकायत पर करनाल पुलिस को जांच के लिए आदेश दिए थे। पुलिस ने जांच कर ली और रिपोर्ट महिला आयोग को भेज दी, परंतु वह रिपोर्ट अब कबाड़ी की दुकान पर खुल चुकी है। वधावानगर जीरकपुर में कबाड़ी की दुकान है। इस दुकान पर दो बोरे रविवार को दिखाई दिए जिसमें कुछ चिट्ठियां पड़ी हुई थी।

पहले लगा कि शायद किसी ने घरेलू सामान में पुरानी चिट्ठियां बेच दी होंगी। चेक करने पर पाया गया कि पूरा बोरा पंचकूला के विभिन्न कार्यालयों से लेकर प्रमुख लोगों की चिट्ठियां से भरा हुआ है।

जरूरी दस्तावेज गुम हुए तो कौन होगा जिम्मेदार?

पंचकूला नगर निगम आयुक्त को हरियाणा सिविल सचिवालय के सुपरिंटेंडेंट (ईश्यू ब्रांच) सेक्टर-7 चंडीगढ़ से 7 अक्टूबर को एक चिट्ठी भेजी गई है। चिट्ठी में कई जरूरी सरकारी दस्तावेज हैं, लेकिन वह भी कबाड़ी की दुकान में धूल फांक रही है।

आयकर की चिट्ठी शायद ही संबंधित व्यक्ति को मिले

आयकर आयुक्त पंचकूला रेंज द्वारा योगेश कत्याल फ्लैट नंबर-5 जीएच-33 एमडीसी सेक्टर-5 को एक पत्र लिखा गया है। यह पत्र क्या है, वह तो लिफाफा खोलने पर ही पता, लगेगा लेकिन यदि आयकर विभाग द्वारा कोई जरूरी नोटिस या जानकारी योगेश कत्याल को भेजी गई होगी, शायद ही वह उन्हें पता लगा हो।

खो गई मेरी पहचान

मेरा आधार, मेरी पहचान हर नागरिक के लिए आज बहुत जरूरी है। लोग रोजाना डाकिये से पूछते हैं कि मेरा आधार कार्ड तो नहीं आया। सविता रेलन मकान नंबर-058 सेक्टर- पंचकूला भी शायद यही बात अपने डाकिये से पूछती होंगी, लेकिन उन्हें शायद ही पता होगा कि उनका आधार कार्ड तो कबाड़ी की दुकान में दो पैसे में बिक चुका है।

कई और विभागों की चिट्ठियां भी मिलीं

डीजीपी जेल हरियाणा के नाम खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की भी चिट्ठी कबाड़ में पड़ी है। इसके अलावा राज्य सैनिक बोर्ड, विभिन्न बैंकों की चिट्ठियां, चीफ अकाउंट ऑफिसर पेंशन यूएचबीवीएन पंचकूला, राज्य कर्मचारी चयन आयोग हरियाणा द्वारा उम्मीदवारों को भेजी गई चिट्ठियां भी कबाड़ी के पास पड़ी हैं।

आखिर सांसद को कैसे मिलेगी विभाग की चिट्ठी?

डीआरडीए विभाग के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर एवं चीफ एक्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया के नाम पर उनके मकान नंबर 35 एमडीसी सेक्टर-4 पंचकूला में एक चिट्ठी भेजी गई है। जिस पर अंबाला कैंट से डाक विभाग की मोहर लगाकर पंचकूला भेज दिया गया। पंचकूला आने के बाद यह चिट्ठी सांसद के पास नहीं, बल्कि वधावानगर के कबाड़ी के पास पहुंच गई।

न्याय के लिए तरसेगी महिला

हरियाणा महिला आयोग को असंध करनाल की एक महिला ने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उसने अपने साथ हो रहे उत्पीड़न की पूरा गाथा लिखी है। महिला आयोग ने इस शिकायत के बारे में करनाल की असंध पुलिस से रिपोर्ट पेश करने को कहा था। असंध पुलिस ने पूरी रिपोर्ट तैयार करके महिला आयोग को जवाब भेजा है। इस जवाब के बाद महिला आयोग ने आगामी कार्रवाई करनी है लेकिन शायद पीड़ित महिला को अभी अपनी शिकायत के लिए अब डाक विभाग से जंग लड़नी पड़ेगी।

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ऑनलाइन कर सकते हैं चेक

हरियाणा डाक विभाग के निदेशक जगदीश गुप्ता का कहना है ई-पोस्ट, स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट, पार्सल में कोई भी अपनी चिट्ठी ऑनलाइन चेक कर सकता है। आम चिट्ठी को ऑनलाइन चेक नहीं किया जा सकता।यह बहुत गंभीर विषय है। लोगों की चिट्ठियों को उनके घर तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। यदि किसी कबाड़ी की दुकान पर यह चिट्ठियां पहुंची हैं तो मैं पंचकूला की टीम को तुरंत कबाड़ी की दुकान पर भेजकर जांच करवाऊंगा और जिन भी लोगों की लापरवाही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जांच के आदेश

डाक विभाग के विजीलेंस एएसपी विजय ने कहा कि पंचकूला, अंबाला एवं यमुनानगर के सुपरिंटेंडेंट एमआर मित्तल और विजिलेंस एएसपी प्रदीप बजाज को पूरे प्रकरण की जांच के लिए आदेश दे दिए हैं। यह अपराध है। विभाग के किसी न किसी की अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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